Wednesday 10 May 2017

है और हैं में अंतर



सामान्यत: देखा जाता है कि हिंदी लेखन के समय भ्रम (confusion) रहता है कि वाक्य में कब 'है' का प्रयोग होता है और कब 'हैं' का प्रयोग होता है | इस संदर्भ में यदि निम्न बातों का ध्यान रखा जाये तो इस समस्या का निवारण आसानी से किया जा सकता है -


1 - मोहन कलम से लिखता है |
2 - हम आज घूमने जा रहें हैं 

उपर्युक्त वाक्यों को ध्यान से देखिए , इसमें से पहले वाक्य में 'है' में बिंदु (अनुस्वार) नहीं लगाया गया है जबकि दूसरे वाक्य के 'हैं' में बिंदु लगाया गया है |

इसका कारण यह है कि एकवचन (कर्ता ) के साथ बिंदु (अनुस्वार) रहित 'है' का प्रयोग होता है जबकि बहुवचन (कर्ता) के साथ अनुस्वार सहित 'हैं' का प्रयोग होता है |

पहले वाक्य में मोहन (कर्ता) एकवचन (singular) है इसलिए बिंदु का प्रयोग नहीं किया गया है |
जबकि दूसरे वाक्य में 'हम'(कर्ता ) बहुवचन (plural) है इसलिए 'हैं का प्रयोग किया गया है |

अब हम अन्य कुछ उदाहरण देखते हैं , जैसे  ---

1. वह राम का मित्र है |
2. लडकियाँ खेल रहीं हैं |

अब आप जैसे कि नियम से परचित हैं तो आसानी से पता लगा सकते हैं कि उपर्युक्त दोनों में से पहले वाक्य में 'वह' एकवचन का कर्ता है अत: उसकी क्रिया में 'है' का प्रयोग हुआ है तथा दूसरे वाक्य में 'लड़कियाँ ' बहुवचन कर्ता है अत: उसकी क्रिया में 'हैं' का प्रयोग हुआ है |


इसके अतरिक्त हम कुछ अन्य प्रकार के वाक्य देखते हैं ---

1. मेरे पिताजी दिल्ली जा रहे हैं |
2. अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहे हैं |



इन वाक्यों को देखने पर ज्ञात होता है कि यद्यपि इन दोनों ही वाक्यों में कर्त्ता एकवचन है परन्तु दोनों में ही क्रिया में 'हैं' का प्रयोग हुआ है | इसका कारण यह है कि --

सम्मान जनक व्यक्तियों अर्थात जिनका भी आदर किया जाता है, उनके साथ भी बहुवचन के सदृश्य (same as plural) अनुस्वार युक्त 'हैं' का ही प्रयोग होता है |


उपर्युक्त नियमों का यदि ध्यान रखा जाये तो 'है' व् 'हैं' में आसानी से अन्तर समझा जा सकता है |






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