Sunday 18 June 2017

विसर्ग संधि (Visarga Sandhi)



विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आए तो इनके मेल से बनने / होने वाली संधि विसर्ग संधि कहलाती है |

विसर्ग संधि के नियम -

1. सघोष व्यंजन ( वर्ग का तीसरा , चौथा और पाँचवां व्यंजन ) एवं 'अ' स्वर से पहले 'अ:' का 'ओ' हो जाता है | जैसे – 
अध: + गति = अधोगति
अध: + वस्त्र = अधोवस्त्र
पय: + धर = पयोधर
मन: + हर = मनोहर
मन: + रथ = मनोरथ
सर: + वर = सरोवर

2. 'अ' के अतिरिक्त किसी अन्य स्वर से पहले विसर्ग आने पर विसर्ग का लोप हो जाता है अर्थात विसर्ग हट जाता है | जैसे – 
अत: + एव = अतएव

3. 'क', 'ख' तथा 'प', 'फ' से पहले 'अ:' का विसर्ग विसर्ग रूप में ही बना रहता है | जैसे – 
अध:पतन
प्रात:काल

 
4. विसर्ग के बाद तालव्य व्यंजन 'च्', 'छ्' तो विसर्ग तालव्य 'श्' में, यदि विसर्ग के बाद 'ट्', 'ठ्' आए तो विसर्ग मूर्धन्य 'ष्' में और यदि विसर्ग के बाद 'त्', 'द्' आए तो विसर्ग दन्त्य स् में बदल जाता है |
तालव्य वर्ण – इ , त वर्ग तथा श्
मूर्धन्य वर्ण – ऋ , ट वर्ग तथा ष्
दन्त्य वर्ण - त वर्ग तथा स्

जैसे -
नि: + चल = निश्चल
नि: + छल = निश्छल
दु: + चरित्र = दुश्चरित्र
धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
नि: + ठुर = निष्ठुर
मन: + ताप = मनस्ताप
नि: + तेज = निस्तेज

5. यदि विसर्ग के बाद 'श्', 'ष्', 'स्' आए तो विसर्ग भी उसी व्यंजन में बदल जाता है | जैसे – 
नि: + सन्देह = निस्सन्देह / नि:सन्देह
दु: + साहस = दुस्साहस / दु:साहस
दु: + शासन = दुश्शासन
वय: + षष्टि = वयष्षष्टि / वय:षष्ठी

नोट – कभी – कभी इसके अपवाद भी देखे जा सकते हैं

6. यदि विसर्ग से पहले 'अ', 'आ' स्वर न होकर कोई अन्य स्वर हो तथा विसर्ग के बाद भी स्वर हो तो विसर्ग 'र्' में बदल जाता है | जैसे –
नि: + आशा = निराशा
नि: + अर्थक = निरर्थक
नि: + आधार = निराधार
नि: + उपाय = निरुपाय
बहि: + आगमन = बहिरागमन


7. यदि विसर्ग से पहले 'अ', 'आ' के अतिरिक्त अन्य कोई स्वर हो और विसर्ग के बाद कोई भी स्वर आए अथवा घोष व्यंजन (वर्ग का तीसरा , चौथा , पाँचवां वर्ण तथा य् र् ल् व् ) आए तो विसर्ग 'र्' में बदल जाता है | जैसे –
नि: + जन = निर्जन
नि: + मल = निर्मल
दु: + दिन = दुर्दिन
दु: + व्यवस्था = दुर्व्यवस्था
अन्त: + गत = अन्तर्गत

8. यदि विसर्ग से पूर्व 'इ' या 'उ' हों और बाद में 'क्' 'ख्' 'प्' 'फ्' आए तो विसर्ग 'ष्' में बदल जाता है | जैसे –
नि: + काम = निष्काम
नि: + फल = निष्फल


9. यदि 'इ:' के बाद 'र्' हो तो इ: का ई ( बड़ा ई ) हो जाता है | जैसे –
नि: + रोग = नीरोग
नि: + रस = नीरस

10. विसर्ग 'इ:', 'उ:' के बाद 'क्', 'ख्', 'ट्', 'ठ्', 'प्', 'फ्' हो तो विसर्ग 'ष्' में बदल जाता है | जैसे – 
दु: + कर = दुष्कर
नि: + ठुर = निष्ठुर
दु: + काल = दुष्काल

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