Sunday 23 July 2017

कर्मधारय तथा बहुव्रीहि समास में अंतर


कर्मधारय समास में पहला पद विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है;

जबकि बहुव्रीहि समास में दोनों ही पद विशेषण होते हैं और तीसरा पद विशेष्य होता है ;

जैसे –



समस्त पद

समास विग्रह


कर्मधारय समासबहुव्रीहि समास
पीताम्बरपीला है जो अम्बरपीताम्बर पीला है अम्बर जिसका अर्थात श्रीकृष्ण 
महात्मा महान है जो आत्मामहान है आत्मा जिसकी अर्थात ऋषि
नीलकंठ नीला है जो कंठ नीलकंठ नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव 
महादेव महान है जो देवमहादेव महान है जो देवता अर्थात शिव
घनश्याम श्याम है जो घन घन के समान श्याम है जो अर्थात श्रीकृष्ण 



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द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर


द्विगु समास में पहला पद संख्यावाची तथा विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है;
जैसे –


समस्त पद

समास विग्रह 


द्विगु समास

बहुव्रीहि समास

दशानन दस आननों का समूह / समाहार दस आननों वाला हैं जिसके अर्थात रावण
चतुर्भुज चार भुजाओं का समूह / समाहार चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु
त्रिलोचन  तीन लोचनों का समूह / समाहारतीन हैं लोचन जिसके अर्थात शिव
तिरंगातीन रंगों का समूह / समाहार तीन रंग हैं जिसमें अर्थात भारतीय राष्ट्रध्वज







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