कर्मधारय समास में पहला पद विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है;
जबकि बहुव्रीहि समास में दोनों ही पद विशेषण होते हैं और तीसरा पद विशेष्य होता है ;
जैसे –समस्त पद |
समास विग्रह |
|
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कर्मधारय समास | बहुव्रीहि समास | |
पीताम्बर | पीला है जो अम्बर | पीताम्बर पीला है अम्बर जिसका अर्थात श्रीकृष्ण |
महात्मा | महान है जो आत्मा | महान है आत्मा जिसकी अर्थात ऋषि |
नीलकंठ | नीला है जो कंठ | नीलकंठ नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव |
महादेव | महान है जो देव | महादेव महान है जो देवता अर्थात शिव |
घनश्याम | श्याम है जो घन | घन के समान श्याम है जो अर्थात श्रीकृष्ण |
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द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर
द्विगु समास में पहला पद संख्यावाची तथा विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है; जैसे –
समस्त पद | समास विग्रह | |
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द्विगु समास | बहुव्रीहि समास | |
दशानन | दस आननों का समूह / समाहार | दस आननों वाला हैं जिसके अर्थात रावण |
चतुर्भुज | चार भुजाओं का समूह / समाहार | चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु |
त्रिलोचन | तीन लोचनों का समूह / समाहार | तीन हैं लोचन जिसके अर्थात शिव |
तिरंगा | तीन रंगों का समूह / समाहार | तीन रंग हैं जिसमें अर्थात भारतीय राष्ट्रध्वज |
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