Sunday 15 October 2017

शब्द – भेद (Parts of speech)


शब्द – एक से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक वर्ण – समूह शब्द कहलाते हैं ; जैसे – सोहन , खीर , मीरा , खेलता , शतरंज इत्यादि | अत: कहा जाता है कि 



1. शब्द वर्णों के मेल से बनते हैं |
2. शब्द सार्थक वर्ण – समूह या अक्षर – समूह होते हैं |
3. शब्द स्वतन्त्र रूप में प्रयुक्त होते हैं | वर्णों का वही समूह शब्द कहलाता है , जिसका प्रयोग स्वतन्त्र रूप से होता है |


शब्दों का वर्गीकरण :-





स्त्रोत के आधार पर रचना के आधार पर अर्थ के आधार पर प्रयोग के आधार पर 

1. स्त्रोत या उत्पत्ति के आधार पर 

१. तत्सम – वे शब्द जो संस्कृत से लिए गए हैं और बिना किसी परिवर्तन के अपने मूल रूप में ही हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं , तत्सम शब्द कहलाते हैं |
२. तद्भव – वे संस्कृत के शब्द हिंदी में कुछ परिवर्तन के साथ प्रयोग किए जाते हैं , तद्भव शब्द कहलाते हैं |
जैसे -
तत्सम
तद्भव
अग्नि
आग
अश्रु
आँसू
पितृ
पिता
सूर्य
सूरज 
३. देशज - जो शब्द साधारण बोलचाल की भाषा में प्रचलित हैं और संस्कृत या अन्य भाषा से नहीं , बल्कि भारत में प्रचलित अन्य बोलियों से लिए गए हैं , देशज शब्द कहलाते हैं |
       जैसे - जूता , खिड़की , झाडू , डिबिया , घोंसला आदि 

४. विदेशज – वे शब्द जो विदेशी भाषा (अंग्रेजी , अरबी ,फारसी , तुर्की , फ़्रांसिसी , पुर्तगाली ) से हिंदी में लिए गए हैं , विदेशज शब्द कहलाते हैं |
जैसे
अंग्रेजी – कोर्ट , पुलिस , स्कूल , टैक्स , पेपर आदि |
अरबी – किताब , इशारा , ईमान , इरादा , हलवाई आदि |
फारसी – अमरूद , आमदनी , कारीगर , दवा , दीवार आदि |
तुर्की – बहादुर , चाकू , चम्मच , सराय आदि
फ़्रांसिसी – कार्तूस , कूपन , रेस्टोरेंट आदि
पुर्तगाली – गमला , चाबी , पपीता आदि
चीनी – चाय , लीची आदि 


2. रचना के आधार पर


१. रूढ़ शब्द - वे शब्द जिनके खंड नहीं किए जा सकते हो और यदि किया जाए तो कोई अर्थ नहीं निकलता हो , ऐसे शब्द रूढ़ शब्द कहलाते हैं |

       जैसे – कल , घर , पुस्तक , कपड़ा , हाथ आदि 

२. यौगिक शब्द – वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों या शब्दांशों से बने हो और शब्दों को अलग करने पर उनका अलग – अलग अर्थ भी निकलता हो , यौगिक शब्द कहलाते हैं |
       जैसे – 
रसोई + घर = रसोईघर
विद्या + आलय = विद्यालय 
३. योगरूढ़ शब्द – ऐसे शब्द जिनमें रूढ़ तथा यौगिक दोनों शब्दों की विशेषताएँ होती हैं अर्थात् रूढ़ शब्दों के समान ये विशेष अर्थ देते हैं तथा यौगिक शब्दों के समान इनके सार्थक खंड किए जा सकते हैं , योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं |
जैसे – हिमालय , पंकज , पीताम्बर , नीलकंठ आदि 

3. अर्थ के आधार पर

१. एकार्थी शब्द – जिन शब्दों का केवल एक अर्थ होता है तथा वे सदैव उसी अर्थ में प्रयोग किए जाते हैं ,एकार्थी शब्द कहलाते हैं |
जैसे – हिंदी , राम ,मोहन आदि 
२. अनेकार्थी शब्द – कुछ शब्द ऐसे हैं जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं तथा उनके भिन्न – भिन्न प्रयोगों से भिन्न -भिन्न अर्थ प्राप्त किये जाते हैं |
जैसे – अंबर – आकाश , वस्त्र
           सूत – धागा , सारथी 
३. समानार्थी शब्द (पर्यायवाची शब्द ) – समान अर्थ वाले शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं | सभी पर्यायवाची शब्दों के अर्थ पूरी तरह समान नहीं होते | हाँ , मिलते -जुलते अवश्य होते हैं | इसीलिए हर स्थिति में एक शब्द के स्थान पर उसके पर्यायवाची शब्द का प्रयोग नहीं किया जा सकता |
जैसे – कपड़ा का पर्यायवाची शब्द है चीर
कौरव सभा में द्रोपदी के चीर हरण का प्रयास किया गया |
यहाँ ‘कपड़ा’ शब्द का प्रयोग अशुद्ध है |
४. विपरीतार्थी शब्द (विलोम शब्द ) - विपरीत भावों को व्यक्त करने वाले शब्द विलोम शब्द कहलाते हैं | हिंदी में ऐसे विलोम शब्द या तो मूल शब्द के रूप में पहले से ही होते हैं ;
जैसे – दिन – रात , सुख – दुःख आदि
या फिर उपसर्ग लगाकर ; जैसे – अर्थ – अनर्थ , अनुकूल – प्रतिकूल आदि बनाए जाते हैं | 

4. प्रयोग के आधार पर

१ विकारी शब्द
२ अविकारी शब्द 

१. विकारी शब्द 

1. संज्ञा – किसी वस्तु , प्राणी , भाव व स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं ; 

जैसे – हिमालय , गाय , मिठास , आगरा आदि 


संज्ञा के प्रकार
संज्ञा के प्रकार

2. सर्वनाम – संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाला शब्द सर्वनाम शब्द होता है |

जैसे – 
 राम एक लड़का है | राम बाजार गया | राम ने सामान खरीदा | 
राम एक लड़का है | वह बाजार गया | उसने सामान खरीदा | 


सर्वनाम के भेद 


3. विशेषण – संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं |


जैसे – आज भोजन स्वादिष्ट बना है |


सर्वनाम के भेद 




4. क्रिया – जो शब्द किसी कार्य के करने अथवा होने का बोध कराते हैं , क्रिया शब्द कहलाते हैं | 

जैसे – राम फल खाता है |


क्रिया के भेद 




२. अविकारी शब्द

1. क्रियाविशेषण – क्रिया की विशेषता प्रकट करने वाले शब्द क्रियाविशेषण कहलाते हैं |




जैसे –  शीघ्रता से यहाँ आओ |


क्रियाविशेषण के भेद 


2. संबंधबोधक – वे अव्यय शब्द जो संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ स्थापित करते हैं वे शब्द संबंधबोधक कहलाते हैं | 


जैसे – मैं पीछे – पीछे दौड़ रहा था | 

3. समुच्चयबोधक – एक पद , वाक्यांश, उपवाक्य का सम्बन्ध दूसरे पद , वाक्यांश, उपवाक्य से जोड़ने वाले शब्द को समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं ; और , या , किन्तु आदि |


4. विस्मयादिबोधक – वे शब्द जो हर्ष , शोक ,आश्चर्य , क्रोध , घृणा आदि भावों को व्यक्त करते हैं ; वे विस्मयादिबोधक कहलाते हैं |


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