1. पुनर्जागरण ( भारतेंदुकाल ) | 1857 – 1900 ई. |
2. जागरणसुधारकाल ( द्विवेदिकाल ) | 1900 – 1918 ई . |
3. छायावादकाल | 1918 – 1938 ई . |
4. छायावादोत्तरकाल | (क ) प्रगति – प्रयोगकाल 1938 – 1953 ई .
(ख ) नवलेखनकाल 1953 ई. से अब तक
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1. पुनर्जागरण ( भारतेंदुकाल ) काल के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ
1. भारतेंदु हरिश्चंद्र –
रचनाएँ -१. प्रेम – मालिका | २. प्रेम – सरोवर |
३. गीत – गोविंदानंद | ४ वर्षा – विनोद |
४ वर्षा – विनोद | ५ विनय – प्रेम – पचासा |
६. प्रेम – फुलवारी | ७. वेणु – गीति |
( भारतेंदु हरिश्चंद्र कविता के क्षेत्र में नवयुग के अग्रदूत थे | इनकी काव्य कृतियों की संख्या सत्तर है | इनकी कविताओं के विविध विषय हैं | भक्ति , श्रृंगारिकता , देशप्रेम , सामाजिक परिवेश और प्रकृति के विभिन्न संदर्भो को लेकर उन्होंने विपुल परिमाण में काव्य – रचना की , जो सरसता और लालित्य में अद्वितीय हैं | ) |
2. बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमधन’ –
रचनाएँ -
१. जीर्ण जनपद | २. आनन्द अरुणोदय |
३. हार्दिक हर्षादर्श | ४. मयंक – महिमा |
५. अलौकिक लीला | ६. वर्षा – बिंदु |
( प्रेमधन ने मुख्यत: ब्रजभाषा में काव्यरचना की है | ) |
3. प्रतापनारायण मिश्र -
रचनाएँ -
१ प्रेमपुष्पावली | २ मन की लहर |
३ लोकोक्ति शतक | ४ तृप्यन्ताम |
५ श्रृंगार – विलास | |
( ‘प्रताप – लहरी’ उनकी प्रतिनिधि कविताओं का संकलन है | ) |
4 अम्बिकादत्त व्यास -
रचनाएँ -
१. पावस पचासा | २. सुकवि – सतसई |
३. हो हो होरी | ४. कंस – वध(अपूर्ण) |
( ‘बिहारी – विहार’ इनकी एक प्रसिद्ध रचना है , जिसमें महाकवि बिहारी के दोहों का कुंडलिया छंद में भावविस्तार किया गया है | ) |
5 राधाकृष्णदास -
रचनाएँ -१ भारत – बारहमासा | २ देश – दशा |
2. जागरणसुधारकाल ( द्विवेदिकाल ) के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ
1. श्रीधर पाठक -
रचनाएँ -
१. वनाष्टक | २. काश्मीर – सुषमा |
३. देहरादून | ४. भारतगीत |
2. महावीरप्रसाद द्विवेदी -
रचनाएँ -
१ काव्यमंजूषा | २ सुमन |
३ कान्यकुब्ज | ४ अबला – विलाप |
५ गंगालहरी | ६ ऋतु – तरंगिणी |
3. अयोध्यासिहं उपाध्याय ‘हरिऔध’ –
रचनाएँ
१ प्रियप्रवास | २ पद्य प्रसून |
३ रसकलस | ४ वैदेही – वनवास |
4. मैथिलीशरण गुप्त -
रचनाएँ -
१ जयद्रथ -वध | २ पंचवटी |
३ झंकार | ४ साकेत |
५ यशोधरा | ६ जयभारत |
७ विष्णुप्रिया |
5. रामनरेश त्रिपाठी -
रचनाएँ -
१ मिलन | २ पथिक |
३ मानसी | ४ स्वप्न |
6. गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही’-
रचनाएँ -
१ कृषक – क्रंदन | २ प्रेम – पचीसी |
३ राष्ट्रीय – वीणा | ४ त्रिशूल – तरंग |
५ करुणा – कादंबिनी |
द्विवेदिकाल (राष्ट्रीय – सांस्कृतिक ) धारा के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ
1. माखनलाल चतुर्वेदी -
रचनाएँ -
१ हिमकिरीटिनी | २ हिमतरंगिनी |
2. सियारामशरण गुप्त -
रचनाएँ -
१ मौर्यविजय | २ अनाथ |
३ दूर्वादल | ४ विषाद |
५ पाथेय | ६ आर्द्रा |
७ मृण्मयी | ८ दैनिकी |
3 बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ -
रचनाएँ -
१ कुमकुम | २ ऊर्मिला |
३ अपलक | ४ रश्मिरेखा |
५ क्वासि | ६ हम विषपायी जनम के |
4 सुभद्राकुमारी चौहान -
इनकी कविताएँ ‘त्रिधारा’ और ‘मुकुल’ में संकलित हैं | ‘झाँसी की रानी’ कविता इनकी चर्चित कविता है |
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3 छायावाद के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ
1. जयशंकर प्रसाद -
रचनाएँ -१ कामायनी (महाकाव्य) | २ उर्वशी |
३ वनमिलन | ४ प्रेमराज्य |
५ अयोध्या का उद्धार | ६ प्रेम – पथिक |
७ आंसू | ८ कानन – कुसुम |
९ लहर | १० झरना |
2. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ -
रचनाएँ -१ अनामिका | २ परिमल |
३ गीतिका | ४ तुलसीदास |
(कुछ समय तक निराला ने ‘मतवाला’ और ‘समन्वय’ का संपादन भी किया | ‘राम की शक्तिपूजा’ निराला की ही नहीं सम्पूर्ण छायावादी काव्य की उत्कृष्ट उपलब्धि है )
3. सुमित्रानंदन पंत -
रचनाएँ -१ उच्छ्वास | २ ग्रंथि |
३ वीणा | ४ पल्लव |
५ गुंजन | |
(पंत की पहली कविता ‘गिरजे का घंटा’ है | ‘पर्वत – प्रदेश में पावस’ कविता में प्रकृति का मनोरम चित्र खींचा गया है | पंत प्रकृति के सुकुमार कवि कहे जाते हैं | युगांत , युगवाणी , ग्राम्या , स्वर्णकिरण , स्वर्णधूलि , उत्तरा ,रजतशिखर , वाणी और पतझर आदि रचनाओं में उनकी मुक्तक कविताएँ हैं ) |
4 महादेवी वर्मा -
रचनाएँ -१ नीहार | २ रश्मि |
३ नीरजा | ४ सांध्यगीत |
५ यामा |
4. प्रगतिवाद के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ
1. नागार्जुन -
रचनाएँ -
१ पाषाणी | २ चंदना |
३ रवीन्द्र के प्रति | ४ सिंदूर तिलकित भाल |
५ बादल को घिरते देखा है |
2. रांगेय राघव -
रचनाएँ -
१ अजेय खंडहर | २ मेधावी |
३ पांचाली |
3. त्रिलोचन -
रचना -
‘मिट्टी की बरात’ इनकी प्रमुख कृति है | |
5. प्रयोगवाद के प्रमुख कवि व उनकी कविताएँ
1. अज्ञेय - काव्य संकलन -
१ तार सप्तक | १ तार सप्तक |
२ दूसरा सप्तक | ३ तीसरा सप्तक |
४ चौथा सप्तक | ५ रूपाम्बरा |
( इनका संपादन करने वाले कवि अज्ञेय ही हैं ) |
2. भवानीप्रसाद मिश्र –
सतपुड़ा के जंगल , सन्नाटा , गीतफरोश आदि कविताओं की रचना करने वाले कवि भवानीप्रसाद मिश्र संवेदना के कवि हैं | |
3 धर्मवीर भारती -
ये ‘धर्मयुग’ के संपादक रहे | इनकी प्रमुख काव्यकृतियाँ अंधा युग ,कनुप्रिया और सात गीत – वर्ष हैं |
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कुछ विशिष्ट प्रबंधकाव्य व उनके कवि
1 जयभारत - मैथिलीशरण गुप्त
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2 विष्णुप्रिया - मैथिलीशरण गुप्त
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3 विक्रमादित्य – गुरुभक्तसिहं ‘भक्त’
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4 उर्वशी - रामधारीसिहं दिनकर की प्रबंधकृति है ,जो ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित है |
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5 लोकायतन - सुमित्रानंदन पंत की कृति है जिसमें कवि ने भारतीय जीवन की ,स्वाधीनता के पहले और बाद की कथा गायी है |
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6 ऋतंवरा - केदारनाथ मिश्र
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7 द्रोपदी - नरेंद्र शर्मा
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8 आत्मजयी - कुंवरनारायण ( कठोपनिषद के नचिकेता प्रसंग पर आधारित प्रबंधकाव्य है )
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9 संशय की एक रात – नरेश मेहता कृत इस काव्य में राम के मन के संशय को चित्रित किया गया है |
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10 एक पुरुष और – डॉ विनय द्वारा लिखित इस काव्य में विश्वामित्र और उर्वशी से संबंधित कथा को नवीन अर्थ – संदर्भ दिया गया है |
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