Friday 17 November 2017

हिंदी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल ) भाग - 4


काल विभाजन : उन्नीसवीं शती के मध्य से अब तक


1. पुनर्जागरण ( भारतेंदुकाल ) 1857 – 1900 ई.
2. जागरणसुधारकाल ( द्विवेदिकाल )  1900 – 1918 ई .
3. छायावादकाल 1918 – 1938 ई .
4. छायावादोत्तरकाल (क ) प्रगति – प्रयोगकाल 1938 – 1953 ई .
(ख ) नवलेखनकाल 1953 ई. से अब तक



1. पुनर्जागरण ( भारतेंदुकाल ) काल के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ

1.  भारतेंदु हरिश्चंद्र –

रचनाएँ -
१. प्रेम – मालिका२. प्रेम – सरोवर
३. गीत – गोविंदानंद४ वर्षा – विनोद
४ वर्षा – विनोद५ विनय – प्रेम – पचासा
६. प्रेम – फुलवारी७. वेणु – गीति
( भारतेंदु हरिश्चंद्र कविता के क्षेत्र में नवयुग के अग्रदूत थे | इनकी काव्य कृतियों की संख्या सत्तर है | इनकी कविताओं के विविध विषय हैं | भक्ति , श्रृंगारिकता , देशप्रेम , सामाजिक परिवेश और प्रकृति के विभिन्न संदर्भो को लेकर उन्होंने विपुल परिमाण में काव्य – रचना की , जो सरसता और लालित्य में अद्वितीय हैं | )


2. बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमधन’ – 


रचनाएँ -
१. जीर्ण जनपद २. आनन्द अरुणोदय
३. हार्दिक हर्षादर्श ४. मयंक – महिमा
५. अलौकिक लीला ६. वर्षा – बिंदु
( प्रेमधन ने मुख्यत: ब्रजभाषा में काव्यरचना की है | )


3. प्रतापनारायण मिश्र


रचनाएँ -
१ प्रेमपुष्पावली २ मन की लहर
३ लोकोक्ति शतक ४ तृप्यन्ताम
५ श्रृंगार – विलास
( ‘प्रताप – लहरी’ उनकी प्रतिनिधि कविताओं का संकलन है | )


4 अम्बिकादत्त व्यास

रचनाएँ -
१. पावस पचासा  २. सुकवि – सतसई
३. हो हो होरी  ४. कंस – वध(अपूर्ण)
( ‘बिहारी – विहार’ इनकी एक प्रसिद्ध रचना है , जिसमें महाकवि बिहारी के दोहों का कुंडलिया छंद में भावविस्तार किया गया है | )


5 राधाकृष्णदास -

रचनाएँ -
१ भारत – बारहमासा २ देश – दशा



2. जागरणसुधारकाल ( द्विवेदिकाल ) के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ

1. श्रीधर पाठक -

रचनाएँ -
१. वनाष्टक  २. काश्मीर – सुषमा
३. देहरादून ४. भारतगीत


2. महावीरप्रसाद द्विवेदी -

रचनाएँ -
१ काव्यमंजूषा  २ सुमन
३ कान्यकुब्ज४ अबला – विलाप
५ गंगालहरी ६ ऋतु – तरंगिणी


3. अयोध्यासिहं उपाध्याय ‘हरिऔध’

रचनाएँ
१ प्रियप्रवास  २ पद्य प्रसून
३ रसकलस  ४ वैदेही – वनवास


4. मैथिलीशरण गुप्त -

रचनाएँ -
१ जयद्रथ -वध २ पंचवटी
३ झंकार ४ साकेत
५ यशोधरा ६ जयभारत
७ विष्णुप्रिया


5. रामनरेश त्रिपाठी

रचनाएँ -
१ मिलन  २ पथिक
३ मानसी ४ स्वप्न


6. गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही’-

रचनाएँ -
१ कृषक – क्रंदन  २ प्रेम – पचीसी
३ राष्ट्रीय – वीणा  ४ त्रिशूल – तरंग
५ करुणा – कादंबिनी



द्विवेदिकाल (राष्ट्रीय – सांस्कृतिक ) धारा के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ


1. माखनलाल चतुर्वेदी -

रचनाएँ -
१ हिमकिरीटिनी २ हिमतरंगिनी


2. सियारामशरण गुप्त

रचनाएँ - 
१ मौर्यविजय २ अनाथ
३ दूर्वादल ४ विषाद
५ पाथेय ६ आर्द्रा
७ मृण्मयी ८ दैनिकी


3 बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन

रचनाएँ - 
१ कुमकुम  २ ऊर्मिला
३ अपलक ४ रश्मिरेखा
५ क्वासि ६ हम विषपायी जनम के



4 सुभद्राकुमारी चौहान

इनकी कविताएँ ‘त्रिधारा’ और ‘मुकुल’ में संकलित हैं | ‘झाँसी की रानी’ कविता इनकी चर्चित कविता है |



3 छायावाद के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ


1. जयशंकर प्रसाद -

रचनाएँ -
१ कामायनी (महाकाव्य)  २ उर्वशी
३ वनमिलन ४ प्रेमराज्य
५ अयोध्या का उद्धार ६ प्रेम – पथिक
७ आंसू ८ कानन – कुसुम
९ लहर १० झरना


2. सूर्यकांत त्रिपाठीनिराला’ -

रचनाएँ -
१ अनामिका २ परिमल
३ गीतिका ४ तुलसीदास

(कुछ समय तक निराला ने ‘मतवाला’ और ‘समन्वय’ का संपादन भी किया | ‘राम की शक्तिपूजा’ निराला की ही नहीं सम्पूर्ण छायावादी काव्य की उत्कृष्ट उपलब्धि है )

3. सुमित्रानंदन पंत -

रचनाएँ -
१ उच्छ्वास  २ ग्रंथि
३ वीणा  ४ पल्लव
५ गुंजन
(पंत की पहली कविता ‘गिरजे का घंटा’ है | ‘पर्वत – प्रदेश में पावस’ कविता में प्रकृति का मनोरम चित्र खींचा गया है | पंत प्रकृति के सुकुमार कवि कहे जाते हैं | युगांत , युगवाणी , ग्राम्या , स्वर्णकिरण , स्वर्णधूलि , उत्तरा ,रजतशिखर , वाणी और पतझर आदि रचनाओं में उनकी मुक्तक कविताएँ हैं )


4 महादेवी वर्मा -

रचनाएँ -
१ नीहार २ रश्मि
३ नीरजा ४ सांध्यगीत
५ यामा


4. प्रगतिवाद के प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ


1. नागार्जुन -

रचनाएँ -
१ पाषाणी  २ चंदना
३ रवीन्द्र के प्रति  ४ सिंदूर तिलकित भाल
५ बादल को घिरते देखा है


2. रांगेय राघव -

रचनाएँ -
१ अजेय खंडहर  २ मेधावी
३ पांचाली


3. त्रिलोचन -

रचना -
‘मिट्टी की बरात’ इनकी प्रमुख कृति है |




5. प्रयोगवाद के प्रमुख कवि व उनकी कविताएँ


1. अज्ञेय - काव्य संकलन -

१ तार सप्तक १ तार सप्तक
२ दूसरा सप्तक ३ तीसरा सप्तक
४ चौथा सप्तक ५ रूपाम्बरा
( इनका संपादन करने वाले कवि अज्ञेय ही हैं )


2. भवानीप्रसाद मिश्र

सतपुड़ा के जंगल , सन्नाटा , गीतफरोश आदि कविताओं की रचना करने वाले कवि भवानीप्रसाद मिश्र संवेदना के कवि हैं |


3 धर्मवीर भारती -

ये ‘धर्मयुग’ के संपादक रहे | इनकी प्रमुख काव्यकृतियाँ अंधा युग ,कनुप्रिया और सात गीत – वर्ष हैं |


कुछ विशिष्ट प्रबंधकाव्य व उनके कवि



1 जयभारत - मैथिलीशरण गुप्त
2 विष्णुप्रिया - मैथिलीशरण गुप्त
3 विक्रमादित्य – गुरुभक्तसिहं ‘भक्त’
4 उर्वशी - रामधारीसिहं दिनकर की प्रबंधकृति है ,जो ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित है |
5 लोकायतन - सुमित्रानंदन पंत की कृति है जिसमें कवि ने भारतीय जीवन की ,स्वाधीनता के पहले और बाद की कथा गायी है |
6 ऋतंवरा - केदारनाथ मिश्र
7 द्रोपदी - नरेंद्र शर्मा
8 आत्मजयी - कुंवरनारायण ( कठोपनिषद के नचिकेता प्रसंग पर आधारित प्रबंधकाव्य है )
9 संशय की एक रात – नरेश मेहता कृत इस काव्य में राम के मन के संशय को चित्रित किया गया है |
10 एक पुरुष और – डॉ विनय द्वारा लिखित इस काव्य में विश्वामित्र और उर्वशी से संबंधित कथा को नवीन अर्थ – संदर्भ दिया गया है |


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