आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार
नाम | उपनाम | समय |
आदिकाल | वीरगाथाकाल | संवत् 1050 – 1375 |
पूर्वमध्यकाल | भक्तिकाल | संवत् 1375 – 1700 |
उत्तरमध्यकाल | रीतिकाल | संवत् 1700 – 1900 |
आधुनिककाल | गद्यकाल | संवत् 1900 – 1984 |
अन्य आचार्यों के अनुसार
आदिकाल : | सातवीं शती के मध्य से चौदहवीं शती के मध्य तक | |
भक्तिकाल : | चौदहवीं शती के मध्य से सत्रहवीं शती के मध्य तक | |
रीतिकाल : | सत्रहवीं शती के मध्य से उन्नीसवीं शती के मध्य तक | |
आधुनिक काल : | उन्नीसवीं शती के मध्य से अब तक 1 पुनर्जागरण ( भारतेंदुकाल ) 1857 – 1900 ई. 2 जागरणसुधारकाल ( द्विवेदिकाल ) 1900 – 1918 ई . 3 छायावादकाल 1918 – 1938 ई . 4 छायावादोत्तरकाल (क ) प्रगति – प्रयोगकाल 1938 – 1953 ई . (ख ) नवलेखनकाल 1953 ई. से अब तक |
हिंदी का प्रथम कवि
डॉ. शिवसिहं सेंगर ने सातवीं शताब्दी में उत्पन्न ‘पुष्य’ या ‘पुण्ड’ नामक कवि को हिंदी का प्रथम कवि माना था | किन्तु इस कवि का उल्लेख मात्र मिलता है ,उसकी कोई रचना उपलब्ध नहीं है | राहुल सांकृत्यायन ने सातवीं शताब्दी ईसवी के ‘सरहपाद’ को हिंदी का प्रथम कवि माना है | वे 84 सिद्धों में से एक थे |
आदिकाल में लिखा गया साहित्य
1 अपभ्रंश – साहित्य के प्रमुख कवि
१ स्वयंभू – | पउमचरिउ (अपूर्ण) रिट्ठणेमिचरिउ स्वयंभूछन्द |
२ पुष्पदंत - ये पहले शैव थे परन्तु बाद में आश्रयदाता के आग्रह पर जैन हो गए | | महापुराण णयकुमार – चरिउ जसहर – चरिउ |
३ धनपाल - | भविसयत्तकहा |
४ अब्दुल रहमान - | संदेशरासक (खंडकाव्य ) |
५ जोइंदु - | परमात्मप्रकाश योगसार |
2 सिद्ध - साहित्य के प्रमुख कवि
१ सरहपा - | दोहाकोष |
२ शबरपा - | चर्यापाद |
३ डोम्मिपा - | डोम्बिगीतिका , योगचर्या |
3 नाथ – साहित्य के प्रमुख कवि
१ गोरखनाथ – सबदी , पद , रोमावली , ग्यानतिलक , पंचमात्रा ( गोरखनाथ ने हठयोग का उपदेश दिया था | ‘ह’ का अर्थ है सूर्य तथा ‘ठ’ का अर्थ है चन्द्र | इन दोनों के योग को ही हठयोग कहते हैं |
4 रासो – साहित्य के प्रमुख कवि
१.चंदबरदाई- | पृथ्वीराजरासो ( हिंदी का पहला महाकाव्य ) |
२. नरपति नाल्ह - | बीसलदेवरासो ( गेय काव्य ) इसमें भोज परमार की पुत्री राजमती और अजमेर के चौहान राजा बीसलदेव तृतीय के विवाह , वियोग एवं पुनर्मीलन की कथा प्रस्तुत की गई है | |
३. जगनिक - | परमालरासो |
४ जज्जल - | हम्मीररासो |
5 आदिकालीन अन्य प्रमुख कवि
१ भट्ट केदार - | जयचंद प्रकाश (महाकाव्य ) महाराज जयचंद के प्रताप और पराक्रम का वर्णन |
२ मधुकर कवि - | जयमयंक – जस – चन्द्रिका |
३ विद्यापति - | 1 कीर्तिलता 2 कीर्तिपताका 3 पदावली ( विद्यापति मैथिलकोकिल कहलाते हैं ) |
४ अमीर खुसरो - | 1 खालिकबारी 2 नजरान – ए – हिन्द 3 पहेलियाँ एवं मुकरियाँ ( अमीर खुसरो खड़ी बोली के कवि ) |
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