Tuesday 5 December 2017

सर्वनाम के भेद


संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहा जाता है ; 
जैसे – मैं , तुम , वह , आप , कौन , कुछ , क्या आदि |

सर्वनाम के प्रयोग की आवश्यकता –



1. संज्ञा के बार – बार प्रयोग से वाक्य का सौन्दर्य नष्ट होता है ,सर्वनाम का प्रयोग कर इस दोष से बचा जा सकता है ; 


जैसे – मोहन एक लड़का है | मोहन नागपुर में रहता है | मोहन के दो भाई बहन हैं | मोहन पढ़ना चाहता है | अत: यहाँ मोहन के स्थान पर ‘वह’ का प्रयोग करेंगे तो वह सर्वनाम होगा, इस तरह वाक्य सुंदर लगेगा |



2. सर्वनाम का प्रयोग कर हम आदर एवं अनादर के भाव की अभिव्यक्ति करते हैं | ‘आप’ आदरसूचक है , ‘तू’ अनादर का द्योतक है |



3. सर्वनाम आश्रित वाक्यों को प्रधान वाक्यों से जोड़ने का काम भी करता है |

जैसे – वह पढ़ता है , सो उत्तीर्ण होता है |



सर्वनाम के भेद-


पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक, निजवाचक


1. पुरुषवाचक सर्वनाम - बच्चों ! आज मैं तुम्हें भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू के विषय में बताऊँगी | वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे |


यहाँ ‘मैं’ , ‘तुम्हें’ तथा ‘वे’ सर्वनाम शब्द हैं | यहाँ ‘मैं’ वक्ता के रूप में , ‘तुम्हें’ श्रोता के रूप में और ‘वे’ अन्य व्यक्ति के रूप में प्रयुक्त हुआ है | ये सभी पुरुषवाचक सर्वनाम हैं | इसी आधार पर पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं |


१. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम – मैं , हम ( वक्ता )
२. मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम - तुम , आप (श्रोता )
३. अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम - वे , वह ( अन्य )

सर्वनाम सारणी

कर्ता कर्म सम्बन्ध
उत्तम पुरुष
मैं , मैंने 

हम , हमने
मुझे , मुझको
हमें , हमको
मेरा
हमारा
मध्यम पुरुष
तू , तूने 

तुम , तुमने

आप , आपने
तुझे , तुझको 

तुम्हें , तुमको

आपको
तेरा
तुम्हारा
आपका
अन्य पुरुष वह , उसने
वे , उन्होंने
उसे , उसको
उन्हें , उनको 
उसका
उनका


2. निश्चयवाचक सर्वनाम – वे सर्वनाम शब्द जो किसी व्यक्ति , वस्तु या घटना का निश्चित रूप से बोध करवाते हैं , उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं ; जैसे - 

वह मेरा घर है |
यह लाना जरा |

कारक / विभक्ति चिह्न यह – एकवचन ये – बहुवचन वह – एकवचन वे – बहुवचन
कर्ता ‘ने’ यह , इसने ये , इन्होंने वह , उसने वे , उन्होंने
कर्म ‘को’ इसे , इसको इन्हें , इनको उसे , उसको उन्हें , उनको
करण ‘से’

‘के द्वारा’
इससे , इसके द्वारा इनसे , इनके द्वारा उससे , उसके द्वारा उनसे ,उनके द्वारा
संप्रदान ‘के लिए’ इसके लिए इनके लिए उसके लिए उनके द्वारा
अपादान ‘से’ इससे इनसे उससे उनसे
सम्बन्ध ‘का के की’ इसका , इसकी ,इसके
इनका , इनकी ,

इनके
उसका , उसकी , उसके उनका , उनकी ,उनके
अधिकरण ‘में , पर’ इसमें , इस पर इनमें , इन पर उसमें , उस पर उनमें , उन पर



3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु या घटना का निश्चित रूप से बोध नहीं होता , उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं ; जैसे

कोई तुम्हें बुला रहा है |
बात में कुछ तो दम है |


कारक / विभक्ति चिह्न यह – एकवचन ये – बहुवचन
कर्ता ‘ने’ कोई , किसी ने कोई , किन्होंने
कर्म ‘को’ किसी को किन्हीं को
करण ‘से’

‘के द्वारा’
किसी से , किसी के द्वारा किन्हीं के द्वारा
संप्रदान ‘के लिए’ किसी के लिए किन्हीं के लिए
अपादान ‘से’ किसी से किन्हीं से
सम्बन्ध ‘का के की’ किसी का , किसी के , किसी की किन्हीं का , किन्हीं के किन्हीं की
अधिकरण ‘में , पर’ किसी में , किसी पर किन्हीं पर




4. प्रश्नवाचक सर्वनाम – वे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है , उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं | जैसे –

क्या बात हो गई ?
तुम्हारा नाम क्या है ?


कारक / विभक्ति चिह्न एकवचन बहुवचन
कर्ता ‘ने’ कौन , किसने कौन , किन्होंने  
कर्म ‘को’किसे , किसको किन्हें , किनको 
करण ‘से’ ‘के द्वारा’ किससे  , किसके  द्वारा  किनसे ,किनके द्वारा
संप्रदान ‘के लिए’ किसके लिए  किनके लिए 
अपादान ‘से’ किससे किनसे
सम्बन्ध ‘का के की’ किसका , किसके , किसकी  किनका , किनके, किनकी
अधिकरण ‘में , पर’ किसमें , किसपर किनपर , किनमें 


5. सम्बन्धवाचक सर्वनाम – कुछ सर्वनाम प्रधान उपवाक्य के संज्ञा तथा सर्वनाम का संबंध आश्रित उपवाक्यों के साथ जोड़ते हैं , उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं ; जैसे –


जो करेगा , सो भरेगा |
जैसी करनी , वैसी भरनी |


कारक / विभक्ति चिह्न एकवचन बहुवचन
कर्ता ‘ने’ जो , जिसने जो , जिन्होंने
कर्म ‘को’ जिसे , जिसको जिन्हें , जिनको
करण ‘से’ ‘के द्वारा’ जिससे , जिसके द्वारा जिनसे ,जिनके द्वारा
संप्रदान ‘के लिए’ जिसके लिए जिनके लिए
अपादान ‘से’ जिससे जिनसे
सम्बन्ध ‘का के की’ जिसका , जिसके , जिसकी जिनका , जिनके, जिनकी
अधिकरण ‘में , पर’ जिसमें , जिसपर जिनपर , जिनमें

6. निजवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनामों का प्रयोग खुद या स्वयं के लिए किया जाता है ,उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं ; जैसे – 



मैंने स्वयं ही कार्य पूरा कर लिया |स्वावलंबी लोग अपने आप पर भरोसा रखते हैं |तुम्हें सारे प्रश्न खुद ही हल करने होंगे |

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