काल के भेद
- भूतकाल (Past Tense)
- वर्तमान काल (Present Tense)
- भविष्यत काल (Future Tense)
1. भूतकाल – बीते समय में घटित क्रिया से भूतकाल का बोध होता है | जैसे –
- वह लिखता था |
- मोहन ने पढ़ा होगा |
- मैंने देखा है |
- वह लिख रहा था |
2. वर्तमान काल – वर्तमान समय में होने वाली क्रिया से वर्तमान काल का बोध होता है | जैसे -
- मैं खाता हूँ |
- गीता पढ़ रही है |
- सूर्य पूरब में उदय होता है |
- सीता खेल रही होगी |
3. भविष्यत काल – इससे भविष्य में किसी काम के होने का बोध होता है | जैसे –
- तुम कल पढ़ोगे |
- शायद वह कल आएगा |
- वह आए तो मैं जाऊँ |
- तुम पढ़ोगे, तो पास हो जाओगे |
भूतकाल के भेद – भूतकाल के छ: भेद होते हैं |
१. सामान्यभूत - क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का निश्चित ज्ञान न हो, उसे सामान्यभूत कहते हैं ; जैसे –
- सोहन गया |
- राम ने खाना खाया |
- सीता आई |
- गीता ने पत्र लिखा |
२. पूर्ण भूत – क्रिया के जिस रूप से बीते समय में कार्य की समाप्ति का पूर्ण बोध होता है, उसे पूर्ण भूत कहते हैं ; जैसे –
- मैं खाना खा चुका था |
- उसने राकेश को मारा था |
- मैंने उसे अपनी पुस्तक दी थी |
- वह विद्यालय गया था |
३ अपूर्ण भूत – क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि क्रिया भूतकाल में हो रही थी, लेकिन उसकी समाप्ति का पता न चले , उसे ‘अपूर्णभूत’ कहते हैं ; जैसे –
- भक्तों द्वारा पूजा की जा रही थी |
- विद्या अपने गाँव जा रही थी |
- गौरी खीर खा रही थी |
- नम्रता पत्र लिख रही थी |
४. आसन्न भूत – क्रिया के जिस रूप से क्रिया के व्यापार का समय आसन्न (निकट) ही समाप्त समझा जाए , उसे आसन्न भूत कहते हैं ; जैसे –
- अंकुर बिहार से लौटा है |
- मैं खाना खा चुका हूँ |
- मेरा मित्र मेरे घर आया है |
- किसान ने खेत में हल चला लिया है |
५ . संदिग्ध भूत - क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय में कार्य के पूर्ण होने या न होने में संदेह होता है , उसे संदिग्धभूत कहते हैं ; जैसे –
- श्याम ने खाना खाया होगा |
- कलाकार ने अभिनय किया होगा |
- गायक ने गाना गाया होगा |
६. हेतुहेतुमद्भूत - क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया भूतकाल में होने वाली थी परन्तु किसी कारणवश नहीं हो सकी, उसे हेतुहेतुमद्भूत कहते हैं ; जैसे –
- यदि मोहन पढ़ाई करता तो परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता |
- यदि मैं समय पर स्टेशन पर पहुँचता तो गाड़ी में चढ़ जाता |
- राधा आती तो मैं चला जाता | निधि मेहनत करती तो सफल हो जाती |
वर्तमान काल के भेद – वर्तमान काल के तीन भेद हैं |
१. सामान्य वर्तमान – क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान काल में क्रिया का होना पाया जाए, सामान्य वर्तमान कहलाता है ; जैसे –
- वह लड़का पढ़ता है |
- वह सुबह – शाम दूध पीता है |
२. अपूर्ण वर्तमान – क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल में क्रिया की अपूर्णता का बोध होता हो, उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं ; जैसे –
- माँ भोजन बना रही है |
- किसान खेत में हल चला रहा है |
- डॉक्टर मरीज को देख रहा है |
- चित्रकार चित्र बना रहा है |
३. संदिग्ध वर्तमान – क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान काल में क्रिया के होने में संदेह पाया जाए ,उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं ; जैसे –
- बच्चा रो रहा होगा |
- निति स्कूल जाती होगी |
भविष्यत् काल के भेद – भविष्यत् काल के तीन भेद हैं |
१. सामान्य भविष्यत् – क्रिया के जिस रूप से भविष्य में होने वाले कार्य के विषय में जानकारी हो अथवा यह व्यक्त हो कि क्रिया सामान्यत: भविष्य में होगी, उसे सामान्य भविष्यत् कहते हैं ; जैसे –
- खिलौना नहीं मिलने पर बच्चा रोएगा |
- अविरल कल कोलकाता जाएगा |
२. संभाव्य भविष्यत् काल – आने वाले समय में किसी क्रिया के होने की संभावना होने पर संभाव्य भविष्यत् काल होता है ; जैसे –
- शायद वर्षा होगी |
- शायद प्रधानमंत्री राजस्थान आएँगे |
३. हेतु हेतुमद् भविष्यत् काल – आने वाले समय में जब कोई एक क्रिया दूसरी पर निर्भर होकर संपन्न होगी तो उसे हेतु हेतुमद् भविष्यत् काल कहते हैं ; जैसे –
- यदि बच्चा रोएगा तो माँ उसे संभाल लेगी |
- यदि तुम मेहनत करोगे तो सफलता प्राप्त करोगे |
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