1 . संज्ञा संबंधी अशुद्धियाँ – संज्ञा पद के प्रयोग में प्राय: दो प्रकार की अशुद्धियाँ होती हैं |
१ . अनावश्यक संज्ञा पदों का प्रयोग और
२ . अनुपयुक्त संज्ञा पदों का प्रयोग
१ ‘उत्साह’ नामक शीर्षक निबंध अच्छा है | - अशुद्ध रूप
२ . अनुपयुक्त संज्ञा पदों का प्रयोग
१ . अनावश्यक संज्ञा पदों का प्रयोग
१ ‘उत्साह’ नामक शीर्षक निबंध अच्छा है | - अशुद्ध रूप
‘उत्साह’ शीर्षक निबंध अच्छा है | - शुद्ध रूप
२ राजा अपनी ताकत के बल पर जीत गया | - अशुद्ध रूप
२ राजा अपनी ताकत के बल पर जीत गया | - अशुद्ध रूप
राजा अपने बल पर जीत गया | - शुद्ध रूप
३ प्रात:काल के समय घूमना चाहिए | - अशुद्ध रूप
३ प्रात:काल के समय घूमना चाहिए | - अशुद्ध रूप
प्रात:काल घूमना चाहिए | - शुद्ध रूप
४ समाज में अराजकता की समस्या बढ़ रही है | - अशुद्ध रूप
४ समाज में अराजकता की समस्या बढ़ रही है | - अशुद्ध रूप
समाज में अराजकता बढ़ रही है | - शुद्ध रूप
१ रेडियो की उत्पत्ति किसने की | - अशुद्ध रूप
२ . अनुपयुक्त संज्ञा पदों का प्रयोग
१ रेडियो की उत्पत्ति किसने की | - अशुद्ध रूप
रेडियो का आविष्कार किसने किया | - शुद्ध रूप
२ आपके प्रश्न का समाधान मेरे पास नहीं है | - अशुद्ध रूप
२ आपके प्रश्न का समाधान मेरे पास नहीं है | - अशुद्ध रूप
आपके प्रश्न का उत्तर मेरे पास नहीं है| - शुद्ध रूप
३ हमारे देश के मनुष्य मेहनती हैं | - अशुद्ध रूप
३ हमारे देश के मनुष्य मेहनती हैं | - अशुद्ध रूप
हमारे देश के लोग मेहनती हैं | - शुद्ध रूप
१ मेरे को बाज़ार जाना है | - अशुद्ध रूप
2. सर्वनाम संबंधी अशुद्धियाँ – हिंदी में कभी – कभी सर्वनामों के अशुद्ध रूप तथा अनुपयुक्त स्थान प्रयोग भी होते हैं ; जैसे -
१ मेरे को बाज़ार जाना है | - अशुद्ध रूप
मुझे बाज़ार जाना है | - शुद्ध रूप
२ तेरे को क्या चाहिए ? - अशुद्ध रूप
२ तेरे को क्या चाहिए ? - अशुद्ध रूप
तुझे क्या चाहिए ? - शुद्ध रूप
३ दूध में कौन गिर गया ? - अशुद्ध रूप
३ दूध में कौन गिर गया ? - अशुद्ध रूप
दूध में क्या गिर गया ? - शुद्ध रूप
४ तुम तो तुम्हारा काम करो | - अशुद्ध रूप
४ तुम तो तुम्हारा काम करो | - अशुद्ध रूप
तुम तो अपना काम करो | - - शुद्ध रूप
3. विशेषण संबंधी अशुद्धियाँ – विशेषण का प्रयोग विशेष्य ( संज्ञा व सर्वनाम ) के लिंग और वचन के अनुसार किया जाता है | वाक्य में कई बार अनावश्यक, अनियमित व अनुपयुक्त विशेषण का प्रयोग हो जाता है ; जैसे -
१ यह सबसे सुन्दरतम साड़ी है | - अशुद्ध रूप
यह सुन्दरतम साड़ी है | - शुद्ध रूप
२ आज उसके गुप्त रहस्य का राज खुला | - अशुद्ध रूप
२ आज उसके गुप्त रहस्य का राज खुला | - अशुद्ध रूप
आज उसके रहस्य का राज खुला | - शुद्ध रूप
३ उनकी आजकल दयनीय दुर्दशा है | - अशुद्ध रूप
३ उनकी आजकल दयनीय दुर्दशा है | - अशुद्ध रूप
उनकी आजकल दयनीय हालत है | - शुद्ध रूप
४ वह डाल महीन है | - अशुद्ध रूप
४ वह डाल महीन है | - अशुद्ध रूप
वह डाल पतली है | - शुद्ध रूप
१ जैसा बोओगे उसी तरह काटोगे | - अशुद्ध रूप
4. क्रियाविशेषण संबंधी अशुद्धियाँ –
१ जैसा बोओगे उसी तरह काटोगे | - अशुद्ध रूप
जैसा बोओगे वैसा काटोगे | - शुद्ध रूप
२ पुस्तक विद्वतापूर्ण लिखी गई है | - अशुद्ध रूप
२ पुस्तक विद्वतापूर्ण लिखी गई है | - अशुद्ध रूप
पुस्तक विद्वतापूर्वक लिखी गई है | - शुद्ध रूप
जाता वह बाज़ार है | - अशुद्ध रूप
वह बाज़ार जाता है | - शुद्ध रूप
यद्यपि दोनों वाक्यों में सभी शब्द समान हैं किंतु पहले वाक्य में उचित पदक्रम का अभाव है , जबकि दूसरा वाक्य उचित पदक्रम के अनुसार है |
उदाहरण –
१ शहीदों का देश सदा आभारी रहेगा | - अशुद्ध रूप
5. पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ – वाक्य में व्याकरण के अनुसार पदों का क्रमबद्ध होना नितांत आवश्यक है | पदों के उचित क्रम में न होने पर उसके भाव या अर्थ में स्पष्टता नहीं रहती ; जैसे –
जाता वह बाज़ार है | - अशुद्ध रूप
वह बाज़ार जाता है | - शुद्ध रूप
यद्यपि दोनों वाक्यों में सभी शब्द समान हैं किंतु पहले वाक्य में उचित पदक्रम का अभाव है , जबकि दूसरा वाक्य उचित पदक्रम के अनुसार है |
उदाहरण –
१ शहीदों का देश सदा आभारी रहेगा | - अशुद्ध रूप
देश शहीदों का सदा आभारी रहेगा | - शुद्ध रूप
२ गाय का ताकतवर दूध होता है | - अशुद्ध रूप
२ गाय का ताकतवर दूध होता है | - अशुद्ध रूप
गाय का दूध ताकतवर होता है | - शुद्ध रूप
३ अपनी बात आपको मैं बताता हूँ | - अशुद्ध रूप
३ अपनी बात आपको मैं बताता हूँ | - अशुद्ध रूप
मैं आपको अपनी बात बताता हूँ | - शुद्ध रूप
४ ध्यानपूर्वक विद्यार्थियों को पढ़ाई करनी चाहिए | - अशुद्ध रूप
४ ध्यानपूर्वक विद्यार्थियों को पढ़ाई करनी चाहिए | - अशुद्ध रूप
विद्यार्थियों को ध्यानपूर्वक पढ़ाई करनी चाहिए | - शुद्ध रूप
१ वह बहुत जल्दी वापस लौट आया | - अशुद्ध रूप
6. पुनरावृत्ति की अशुद्धियाँ / पुनरुक्ति दोष – एक ही वाक्य में जब एक ही अर्थ / भाव को प्रकट करने वाले दो शब्दों का प्रयोग कर दिया जाता है तो वाक्य अशुद्ध हो जाता है ; जैसे –
वह बहुत जल्दी लौट आया | - शुद्ध रूप
२ जयपुर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं | - अशुद्ध रूप
२ जयपुर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं | - अशुद्ध रूप
जयपुर में कई दर्शनीय स्थल हैं | - शुद्ध रूप
३ कृपया आप मेरे घर आने की कृपा करें | - अशुद्ध रूप
३ कृपया आप मेरे घर आने की कृपा करें | - अशुद्ध रूप
आप मेरे घर आने की कृपा करें | - शुद्ध रूप
४ प्रधानमंत्री जनता के हितकर कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं | - अशुद्ध रूप
४ प्रधानमंत्री जनता के हितकर कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं | - अशुद्ध रूप
प्रधानमंत्री जनता के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं | - शुद्ध रूप
7. विरामचिह्न संबंधी अशुद्धियाँ – कभी – कभी वाक्य में विराम चिह्न संबंधी अशुद्धियाँ भी होती हैं ; जैसे –
१ गुरुदेव यह तो सरासर अन्याय है | - अशुद्ध रूप
गुरुदेव ! यह तो सरासर अन्याय है | - शुद्ध रूप
२ धीरे धीरे ध्यान से चलो | - अशुद्ध रूप
२ धीरे धीरे ध्यान से चलो | - अशुद्ध रूप
धीरे - धीरे ध्यान से चलो | - शुद्ध रूप
३ वह काव्यसंग्रह जिसे मैंने लिखा है वह छप रहा है | - अशुद्ध रूप
३ वह काव्यसंग्रह जिसे मैंने लिखा है वह छप रहा है | - अशुद्ध रूप
वह काव्यसंग्रह, जिसे मैंने लिखा है; वह छप रहा है | - शुद्ध रूप
४ यह पुस्तक आपको कहाँ मिली | - अशुद्ध रूप
४ यह पुस्तक आपको कहाँ मिली | - अशुद्ध रूप
यह पुस्तक आपको कहाँ मिली ? - शुद्ध रूप
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