1
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अथ (आरम्भ तथा मंगलसूचक शब्द।)
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इति (अंत, समाप्ति।)
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2
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अग्रज (पहले जन्मा हुआ,
बड़ा भाई।)
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अनुज
(पीछे जनमा हुआ, छोटा भाई।)
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3
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अग्र (अगला, पहला)
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पश्च (बाद
का, परवर्ती)
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4
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आगामी (आनेवाला, भविष्य में होनेवाला)
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विगत (बीता
हुआ (जैसे—विगत दिन),
निष्प्रभ (जैसे—विगत यौवन))
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5
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अवनति (झुकाव, गिरावट)
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उन्नति (ऊँचाई, बढ़ती)
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6
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अधम (नीच, बदमाश)
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उत्तम (सबसे अच्छा, श्रेष्ठ, प्रधान, सबसे बड़ा)
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7
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अपयश (अपकीर्ति, बदनामी)
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सुयश / यश (सुख्याति, सुकीर्ति)
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8
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अज्ञ (ज्ञानशून्य, मूर्ख)
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विज्ञ (जाननेवाला,समझदार और पढ़ा लिखा (जैसे—विशेषज्ञ)
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9
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अल्पज्ञ (थोड़ा जाननेवाला,
कम समझ)
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बहुज्ञ (अनेक विषयों का ज्ञाता, बहुत जाननेवाला)
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10
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अतिवृष्टि (अत्यधिक वर्षा)
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अनावृष्टि (अवर्षण,
सूखा)
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11
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अर्वाचीन (आधुनिक, नया)
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प्राचीन (पुराना, पूरब का)
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12
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आरोह (आरोहण, ऊँचे स्वर से उच्चारण)
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अवरोह (उतार, अवनति,
पतन)
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13
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आविर्भाव (प्रकट होना उत्पत्ति)
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तिरोभाव (अदृश्य हो जाना,
अदर्शन, गोपन, छिपाव, दुराव)
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14
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आयात
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निर्यात
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15
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आगमन (आना, पहुँचना,प्राप्त
होना, लाभ होना)
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निर्गमन (निकासी, बाहर जाने का रास्ता)
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16
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आशीर्वाद
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अभिशाप
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17
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इहलोक
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परलोक
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18
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उग्र
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सौम्य
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19
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उत्कृष्ट (श्रेष्ठता,
उत्तम, उन्नत)
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निकृष्ट( नीच, अधम (जैसे—निकृष्ट व्यक्ति, निकृष्ट विचार))
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20
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उऋण (कर्ज़ से मुक्त)
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ऋणी (कर्ज़ लेनेवाला,
कर्ज़दार, एहसानमंद,
अनुगृहीत, कृतज्ञ)
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21
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उत्कर्ष (ऊपर खींचना, उन्नति)
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अपकर्ष (अवनति, उतार,
ह्रास)
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22
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उन्मीलन (खुलना (आँख का), खिलना)
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निमीलन (पलक का गिरना,
झपकना)
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23
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उन्मूलन (जड़ से उखाड़ देना)
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स्थापन / रोपण (स्थापित
करने का भाव)
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24
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उन्मुख (उत्सुक)
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विमुख (विरत /प्रतिकूल)
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25
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उदार (दयालु)
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अनुदार / कृपण (अदाता)
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26
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ऊर्ध्वगामी (ऊपर
की ओर जानेवाला)
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अधोगामी (नीचे
जानेवाला)
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27
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ऋजु (ईमानदार और सच्चा)
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वक्र / कुटिल (टेढ़ा)
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28
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एकांगी (एकपक्षीय)
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सर्वांगीण (सभी अंगों
में व्याप्त होनेवाला)
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29
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ऐहिक (सांसारिक, दुनियावी)
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पारलौकिक (परलोक संबंधी, परलोक
का)
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30
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कृश (दुबला-पतला)
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स्थूल (मोटा)
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31
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कनिष्ठ (उम्र में सबसे छोटा)
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वरिष्ठ / ज्येष्ठ (श्रेष्ठ, पूज्य)
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32
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कृतज्ञ (उपकार माननेवाला, एहसानमंद)
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कृतघ्न (किए हुए उपकार को न
माननेवाला)
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33
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गरिमा (महिमा, महत्त्व)
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लघिमा (लघुत्व, छोटाई)
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34
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ग्राह्य (ग्रहण करने योग्य)
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त्याज्य (छोड़ने योग्य)
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35
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गंभीर (गहरा)
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वाचाल (वाक्पटु)
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36
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चिरन्तन (बहुत दिनों से चला आता
रहनेवाला, पुरातन।)
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नश्वर (नाश होनेवाला)
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37
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चिरायु (लंबी उम्रवाला, दीर्घायु)
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अल्पायु (कम आयुवाला)
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38
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जंगम (जो चल सकता हो)
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स्थावर (स्थिर)
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39
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जाग्रत (जागता हुआ)
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सुप्त (सोया हुआ)
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40
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तृष्णा (प्यास)
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तृप्ति / वितृष्णा (आवश्यकता
पूरी होने पर मिलनेवाली मानसिक शांति)
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41
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तिमिर (अंधकार, अँधेरा)
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प्रकाश (रोशनी )
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42
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तामसिक (तमोगुण संबंधी)
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सात्विक (सत्त्वगुण संपन्न)
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43
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दुष्कर (दुःसाध्य)
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सरल / सुकर (सीधा
(जैसे—सरल रेखा))
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44
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ध्वंस (विनाश)
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निर्माण (बनाना, रचना )
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45
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धृष्ट (लज्जारहित)
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विनीत (विनय से युक्त)
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46
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निष्काम (कामना एवं वासना से
रहित, निर्लिप्त)
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सकाम (कामनायुक्त)
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47
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निंदा (बुराई करना)
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स्तुति / प्रशंसा (प्रशंसा)
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48
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निरामिष (मांसरहित)
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सामिष (मांस से
युक्त)
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49
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निषिद्ध (मांस से युक्त)
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विहित (उचित, मुनासिब)
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50
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नैसर्गिक (प्राकृतिक।स्वाभाविक)
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कृत्रिम (बनावटी
,नकली)
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51
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प्रवृत्ति (मन का झुकाव, आरंभ)
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निवृत्ति (निवृत्त
होना, वापस आना)
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52
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पूर्ववर्ती (पहले रहनेवाला, पहले
होनेवाला)
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परवर्ती (बाद
के समय का, बाद में होनेवाला)
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53
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पाश्चात्य (पीछे
का, पिछला)
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पौर्वात्य (‘पाश्चात्य’ के अनुकरण पर बना हुआ
अशुद्ध शब्द, दे– शुद्ध रूप ‘पौरस्त्य’)
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54
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परुष /कठोर (कठोर एवं कर्कश,उग्रतापूर्ण, तीव्र )
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कोमल (मुलायम, नरम, सुकुमार, नाज़ुक)
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55
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बंजर (अनुपजाऊ, ऊसर)
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उर्वर (उपजाऊ)
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56
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बर्बर (असभ्य
एवं जंगली)
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सभ्य (शिष्ट, सिविल, संस्कृत
(जैसे—सभ्य जगत्)
)
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57
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महात्मा (पवित्र
आत्मा)
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दुरात्मा (दुष्ट
प्रकृतिवाला, नीच)
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58
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ममता (अपनी
समझना, अपनापन)
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निष्ठुरता (निष्ठुर होने की अवस्था, कठोरता)
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59
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मित (नपा
तुला, सीमित)
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अपरिमित (बे-हद, बे-हिसाब, अगणित)
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60
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मिथ्या (असत्य, झूठा, बनावटी, कृत्रिम)
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सत्य (सच, यथार्थ (जैसे—सत्य बोलना,
सत्य वाणी, यथातथ्य)
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61
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मितव्यय (कम
ख़र्च करनेवाला, मितव्ययी)
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अपव्यय (अनुचित
व्यय, फिज़ूलखर्ची)
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62
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मलिन (मैला, मलयुक्त)
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निर्मल (साफ़, स्वच्छ, पवित्र)
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63
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योगी (आत्मज्ञानी, योग साधना करनेवाला व्यक्ति)
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भोगी (भोगनेवाला)
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64
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यौवन (युवावस्था)
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वार्धक्य (बुढ़ापा)
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65
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रति (रत होने का भाव)
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विरति (उदासीनता, वैराग्य)
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66
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रचना (तैयार करना,
बनाना)
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ध्वंस (विनाश)
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67
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लोलुप (लालची, लोभी (जैसे—धन लोलुप)), परम उत्सुक
(जैसे—विद्या लोलुप)
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संतुष्ट
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68
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लाघव (लघु होने का भाव,
लघुता)
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गौरव (बड़प्पन, महत्त्व)
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69
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वैतनिक (वेतन संबंधी)
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अवैतनिक (वेतन न पाने या लेनेवाला)
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70
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वेदना (कष्ट)
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आनंद
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71
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वैभव (ऐश्वर्य, धन–दौलत, सुख–शांति)
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दारिद्रय
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72
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विसर्जन (छोड़ना, परित्याग)
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आवाहन (आह्नान, बुलाना, पुकारना)
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73
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व्यष्टि (समष्टि का सदस्य या व्यक्ति)
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समष्टि (सामूहिकता)
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74
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विवादास्पद
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निर्विवाद (बिना विवाद का)
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75
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शांत (मौन, चुप)
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क्षुब्ध (जो क्षोभ से भरा हो)
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76
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श्वास (साँस)
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उच्छ्वास (ऊपर छोड़ी जाने वाली साँस)
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77
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श्लाघा (प्रशंसा , चापलूसी)
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निंदा (बुराई करना)
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78
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सविकार
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निर्विकार (अविकारी)
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79
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संकल्प (दृढ़ निश्चय)
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विकल्प
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80
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सृजन (रचना, सर्जन)
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विनाश /संहार (बर्बाद,
नाश, ध्वंस )
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81
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स्निग्ध (स्नेह युक्त,
प्रेममय)
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रुक्ष (रूखा)
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82
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सधवा
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विधवा
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83
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सूक्ष्म (बहुत बारीक)
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स्थूल (मोटा)
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84
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सुकृत (अच्छे ढंग से किया गया)
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दुष्कृत (दुष्कर्म)
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85
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संशय (शक़, अनिश्चय)
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निश्चय (संकल्प करना)
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86
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सन्यासी (त्यागी और विरक्त व्यक्ति)
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गृहस्थ
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87
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सुमति (अच्छी बुद्धिवाला)
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कुमति (बुरी बुद्धिवाला)
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88
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स्तुति (प्रशंसा)
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निंदा
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89
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संधि (मेल, संयोग)
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विग्रह (विभाग, टुकड़ा)
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90
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साहसी
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भीरु (डरा हुआ)
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91
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सुधा (अमृत, पियूष)
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गरल (विष)
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92
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स्वजाति (अपनी जाति या वर्ग)
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विजाति
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93
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संकोची (संकोच करनेवाला)
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प्रगल्भ (चतुर, होशियार)
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94
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सत्याग्रह (सत्य हेतु किया गया हठ)
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दुराग्रह (अनुचित ज़िद,
हठ)
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95
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सुषुप्ति (सोए होने की अवस्था,
प्रगाढ़ निद्रावस्था)
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जागरण (जागने की क्रिया)
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96
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हर्ष (प्रसन्नता,
खुशी)
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विषाद (दुःख, अवसाद, उदासी)
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97
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क्षणिक (क्षण भर स्थिर रहनेवाला,
क्षणभंगुर, अस्थायी)
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शाश्वत (सदा रहनेवाला)
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98
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क्षुद्र (नीच, अधम)
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विराट (अत्यंत विशाल )
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99
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क्षर
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अक्षर (अविनाशी)
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100
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ज्ञेय (जो
जानने योग्य हो)
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अज्ञेय (जो
जाना न जा सके)
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