Sunday 12 November 2017

हिंदी साहित्य का इतिहास ( भक्तिकाल ) भाग - 2

भक्तिकालहिंदी साहित्य का स्वर्णयुग


पूर्वमध्यकाल : भक्तिकाल काल – संवत् 1375 – 1700


निर्गुण काव्य : ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि


१. रामानंद – संत मत के प्रचार एवं प्रसार का श्रेय इन्हीं को है | 

रचनाएँ हैं –
1 वैष्णवमताब्ज भास्कर  2 श्री रामार्चन पद्धति


२. कबीर – 

रचना –
बीजक ( रमैनी , सबद तथा साखी तीन भागों में विभक्त है | रमैनी और सबद में गेय पद हैं और साखी दोहों में है | )


३. गुरुनानक – ( सिक्खों के धर्म गुरु) -

प्रमुख पुस्तकें - 
1 जपुजी 2 आसादीवार
3 रहिरास 4 सोहिला


४. रैदास

रैदास का कोई ग्रन्थ नहीं मिलता , फुटकल पद ही ‘बानी’ के नाम से ‘संतबानी’ में संगृहित हैं |


५. दादूदयाल – 

इनके द्वारा चलाया गया पन्थ दादूपंथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ | दादू की रचनाओं का संग्रह उनके दो शिष्यों संतदास और जगनदास ने ‘हरडेवानी’ नाम से किया था | कालान्तर में रज्जब ने इसका सम्पादन ‘अंगवधू’ नाम से किया |


६. सुंदरदास – 

1 दादू के शिष्य 2 निर्गुण संत कवियों में सर्वाधिक शास्त्रज्ञ और सुशिक्षित
3 सर्वाधिक प्रसिद्ध ग्रंथ – सुंदरविलास


निर्गुण काव्य : प्रेमाश्रयी शाखा या सूफ़ी काव्य धारा के प्रमुख कवि


१. कुतुबन -

रचना –
मृगावती ( इसमें चन्द्र नगर के राजा गणपतिदेव के राजकुमार और कंचनपुर के राजा रूपमुरारि की कन्या मृगावती की प्रेम कथा का वर्णन है | )


२. मलिक मुहम्मद जायसी

रचनाएँ –
1 अखरावट
2 आखिरी कलाम
3 पद्मावत ( सर्वाधिक प्रसिद्ध ग्रंथ | जो चित्तौड़ के शासक रतन सेन और सिंहल देश की राजकन्या पद्मिनी की प्रेम कहानी पर आधारित है | )


३. मंझन -

रचना –
मधुमालती ( इसमें मनोहर और मधुमालती की प्रेम-कथा के समानांतर प्रेमा और ताराचंद की भी प्रेम – कथा चलती है | )


४. उस्मान

रचना –
चित्रावली ( सुजान व चित्रावली के चित्रदर्शन जन्य प्रेम का निरूपण हुआ है | )

शेखनवी -

रचना –
ज्ञानद्वीप ( राजा ज्ञानदीप और रानी देवजानी की कथा है )


६. कासिम शाह -

रचना –
हंस जवाहिर ( राजा हंस और रानी जवाहिर की कथा है )

७. नूर मुहम्मद

रचना –
1 इन्द्रावती (आख्यान काव्य है ,जिसमें कालिंजर के राजकुमार राजकुँवर और आगमपुर की राजकुमारी इन्द्रावती की प्रेम कहानी है )
2 अनुराग बाँसुरी ( यह तत्वज्ञान संबंधी रचना है | शरीर , जीवात्मा और मनोवृत्तियों को लेकर पूरा अध्यवसितरूपक खड़ा करके बाँधी है )



सगुण काव्य : राम भक्ति शाखा के प्रमुख कवि

१. तुलसीदास

रचनाएँ –
दोहावली कवितावली
गीतावली रामचरितमानस 
रामाज्ञाप्रश्न  विनयपत्रिका
रामललानहछू  पार्वतीमंगल
जानकीमंगल १० बरवै रामायण 
११ वैराग्य संदीपिनी १२ श्री कृष्ण गीतावली
( रामचरितमानस की पूरी कथा शंकर ने पार्वती को सुनाई थी )
 

२. नाभादास

रचना –
भक्तमाल ( हिंदी साहित्य में अभूतपूर्व ऐतिहासिक महत्त्व है )


३. प्राणचंद चौहान -

रचना –
रामायण महानाटक ( संवाद )


४. हृदय राम -

रचना –
भाषा हनुमन्नाटक



सगुण काव्य : कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि


१. श्री वल्लभाचार्य

रचनाएँ –
१ पूर्वमीमांसा भाष्य २ उत्तरमीमांसा या ब्रह्मसूत्र भाष्य ( दार्शनिक ग्रंथ )
३ सुबोधिनी टीका ४ तत्त्वदीपनिबंध


२. सूरदास -

रचनाएँ -;
१ सूरसागर
२ सूरसारावली
३ साहित्य लहरी ( सूरदास भक्तिकाल के प्रमुख कवि हैं | वे श्रृंगार तथा वात्सल्य के कवि हैं )


३. नंददास -

रचनाएँ –
१ रासपंचाध्यायी ( नन्ददास के यश का आधार ) २ सिद्धांत पंचाध्यायी
३ भागवत् दशम स्कन्ध ४ रुक्मिणीमंगल
५ रूपमंजरी ६ रसमंजरी


४. कृष्णदास -

रचना -
जुगमान चरित


५. मीराबाई -

रचनाएँ -
१ गीत गोविन्द टीका
२ राग गोविन्द
३ राग सोरठ के पद


६. रसखान -

रचना -
१ प्रेमवाटिका


७. रहीम -

रचनाएँ -
१ रहीम दोहावली २ बरवै नायिका भेद
३ श्रृंगार सोरठा ४ खेल कौतुकम ( ज्योतिष ग्रंथ )


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