Tuesday 30 January 2018

उपसर्ग [संस्कृत के उपसर्ग | हिंदी के उपसर्ग | आगत उपसर्ग ] अर्थ एवं उदाहरण


‘उपसर्ग’ उस शब्दांश या अव्यय को कहते हैं ,जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है \ यह दो शब्दों उप + सर्ग के योग से बना है , जिसमें ‘उप’ का अर्थ है ‘समीप’ , ‘निकट’ या ‘पास में’ तथा ‘सर्ग’ का अर्थ है सृष्टि करना |


अत: उपसर्ग का अर्थ है पास में बैठकर दूसरा नया अर्थ वाला शब्द बनाना | उपसर्ग का प्रयोग शब्द के प्रारंभ में किया जाता है ;जैसे

अन + बन = अनबन जिसका विशेष अर्थ हुआ मनमुटाव
प्र + हार = प्रहार जिसका अर्थ नया अर्थ हुआ मारना

इस प्रकार उपसर्गों के प्रयोग से शब्दों की तीन स्थितियाँ होती हैं –
(i) शब्द के अर्थ में एक नई विशेषता आ जाती है |
(ii) शब्द का अर्थ विपरीत हो जाता है |
(iii) शब्द के अर्थ में कोई विशेष अंतर नहीं आता |

हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले उपसर्ग मुख्यत: तीन भागों में विभक्त किए जा सकते हैं
1 संस्कृत के उपसर्ग
2 हिंदी के उपसर्ग
3 आगत उपसर्ग ( विदेशी भाषाओँ से हिंदी में आए मुख्यत: उर्दू (फ़ारसी – अरबी ) एवं अंग्रेजी )

1. संस्कृत के उपसर्ग
संस्कृत के कुल 22 उपसर्ग हैं किन्तु ‘निस’ , ‘निर’ तथा ‘दुस’ , ‘दुर’ में कोई अंतर नहीं होता है अत: कुल 20 उपसर्ग माने जाते हैं जो इस प्रकार हैं –

उपसर्ग
अर्थ
उदाहरण
अति
अधिक , सीमा से परे
अतिरिक्त, अतिशय, अत्याचार, अत्युक्ति, अत्यंत
अतिव्याप्ति, अतिक्रमण आदि
अधि
अधिक , ऊपर , श्रेष्ठ ,समीपता
अधिकारअधिराज, अध्यक्षअध्यात्मअधिकरण आदि
अनु
पीछे , क्रम , समानता
अनुशासन , अनुक्रम , अनुशीलन , अनुज , अनुचर आदि
अप
लघुता , हीनता , अ भाव ,विरुद्ध
अपमान , अपहरण , अपकीर्ति , अपयश , अपव्यय ,अपवाद , अपकर्ष आदि
अभि
सामीप्य , आधिक्य , ओर
अभ्युदय , अभियान , अभिमान , अभ्यागत , अभ्यास ,अभिलाषा ,अभिनव इत्यादि
अव
हीनता , अनादर , पतन
अवनत , अवज्ञा , अवरोहण , अवनति , अवशेष , अवसान आदि
तक , सब तरफ से , ओर
आजन्म , आजीवन , आमरण , आचरण , आरोहण , आक्रोश , आगमन आदि
उत् , उद्

ऊपर , उत्कर्ष
उत्तम , उत्कंठा , उन्नति , उद्भव , उद्गार ,उत्थान , उद्यम आदि
उप
समीप , सदृश , गौण , सहायक
उपस्थिति , उपवन , उपनाम , उपनिवेश , उपकार , उपयुक्त , उपहार आदि
दुस् , दुर्
बुरा , दुष्ट , कठिन
दुर्गम , दुष्कर , दुर्लभ , दुस्साहस , दुष्कर्म , दुर्गुण , दुर्दशा आदि
नि
भीतर , नीचे , अतिरिक्त
निकृष्ट , निमग्न , निवारण , नियुक्त ,निषेध आदि
निस् , निर्
बाहर , निषेध , रहित
निर्वास , निर्भय , निश्चल , निरपराध , निर्मल आदि
परा
उलटा , अनादर , नाश
पराजय , पराक्रम , पराभव , पराभूत आदि
परि
आसपास , चारों ओर , पूर्ण ,अतिशय ,त्याग
परिक्रमा , परिजन , परिणाम , परिशीलन , परिदोष , पर्याप्त आदि
प्र
आगे , अधिक , ऊपर
प्रकाश , प्रख्यात , प्रगति , प्रसार , प्रस्थान आदि
प्रति
विरोध , बराबरी , परिवर्तन
प्रतिध्वनि , प्रतिदान , प्रमाण , प्रसार , प्रसिद्धि , प्रलय , प्रसन्न आदि
वि
भिन्नता , हीनता , असमानता
विस्मरण , विराम , वियोग , विभाग , विकार , विभिन्न , विदेश आदि
सम् , सन्
पूर्णता , संयोग
संकल्प , संग्रह , संतोष , संन्यास , संयोग , संस्कार सुभाषित , सम्मुख आदि
सु
सुखी , अच्छा भाव , सहज
सुकर्म ,सुकृत , सुगम , सुभाषित , सुकवि , सुजन आदि


2. हिंदी के उपसर्ग
हिंदी के उपसर्ग मूलत: संस्कृत से ही विकसित हुए है | इनकी कुल संख्या 10 हैं जो निम्न हैं –
उपसर्ग
अर्थ
उदाहरण
, अन्
निषेध , अभाव
अनाम , अजान , अथाह , अनपढ़ , अनिच्छा, अनमोल आदि
अध
आधे के अर्थ में
अधजला, अधपकाअधखिलाअधमरा , अधसेरा आदि
उन
एक कम
उनतालीस, उनतीस, उन्नीस आदि
, अव
हीनता , निषेध
औगुन, औसर आदि
कु
बुरा
कुपात्र , कुपुत्र , कुचाल
सु ,
अच्छा, सहित
सरस , सुकर्म ,सजग ,सुजान , सगोत्र आदि
बिन
निषेध
बिनदेखा , बिनजाना , बिनगया , बिनब्याहा
भर
पूरा , ठीक
भरपेट , भरपूर , भरसक आदि
दु
बुरा , हीन
दुबला , दुकाल आदि


3. उर्दू ( अरबी – फारसी ) के उपसर्ग

उपसर्ग
अर्थ
उदाहरण
कम
थोड़ा , हीन
कमजोर , कमअक्ल, कमउम्र आदि
खुश
अच्छा
खुशबू , खुशदिल , खुशहाल आदि
गैर
नहीं , अभाव
गैरहाजिर , गैर – कानूनी , गैर – सरकारी आदि
दर
में
दरअसल , दरमियान , आदि
ना
अभाव
नापसंद , नासमझ , नाराज
बद
बुरा
बदमाश , बदनीयत , बदतमीज
बे
बिना
बेइमान , बेचारा
ला
बिना
लाचार , लामजहब , लाजवाब
हम
बराबर
हमउम्र , हमवतन आदि


4. अंग्रेजी के उपसर्ग

उपसर्ग
अर्थ
उदाहरण
सब
अधीन , नीचे
सब – जज , सब – कमेटी
वाइस
सहायक
वाइसराय , वाइस चांसलर
चीफ़
प्रमुख
चीफ़- मिनिस्टर , चीफ -इंजिनियर
हेड
मुख्य
हेड मास्टर , हेड क्लर्क
फुल
पूरा
फुल शर्ट , फुल प्रूफ
हाफ
आधा
हाफ पैंट , हाफ आस्तीन




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1 comment:

  1. जी बहुत ही अच्छी पाठ्यसामग्री

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