शब्द – एक से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक वर्ण – समूह शब्द कहलाते हैं ; जैसे – सोहन , खीर , मीरा , खेलता , शतरंज इत्यादि |
पद – जब कोई शब्द स्वतंत्र न रहकर व्याकरण के नियमों में बँध जाता है , तब वह शब्द ‘पद’ बन जाता है |
कारक , वचन ,लिंग ,पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द ‘पद’ बन जाता है |
इस प्रकार वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही ‘पद’ है |
जैसे - सीता गाती है | ईश्वर रक्षा करे |
यहाँ ‘सीता’ , ‘ईश्वर’ आदि शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर ‘पद’ में परिवर्तित हो गए हैं |
पद के भेद -
१. संज्ञा पद २. सर्वनाम पद ३. विशेषण पद
४. क्रिया पद ५. क्रियाविशेषण पद ६. संबंधबोधक
७. समुच्चयबोधक ८. विस्मयबोधक
पद - परिचय
पद-परिचय का अर्थ होता है पदों का अन्वय, अर्थात् विश्लेषण | हिंदी व्याकरण में इसके विभिन्न नाम दिए गए हैं ;
जैसे – पदान्वय , पदनिर्देश , पद – विन्यास , पदनिर्णय आदि | ये सभी पद – परिचय के पर्यायवाची शब्द हैं |
‘पद–परिचय’ में वाक्यों में प्रयुक्त सार्थक शब्दों अथवा पदों को व्याकरणसम्मत विशेषताएँ बताई जाती हैं | दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि वाक्य के प्रत्येक पद को अलग – अलग कर उसका स्वरूप और दूसरे पद से संबंध बताना पद – परिचय कहलाता है |
प्रमुख पदों का परिचय इस प्रकार किया जा सकता है –
1. संज्ञा पदों का पद परिचय – संज्ञापदों का अन्वय करते समय संज्ञा , उसका भेद, लिंग, वचन, कारक और अन्य पदों का परिचय देते हुए अन्य पदों से उसका संबंध भी दिखाना चाहिए |
जैसे – गीता ने कहा कि मैं राम की पुस्तकें पढ़ती हूँ |
यहाँ ‘गीता’, ‘राम’, और ‘पुस्तकें’ तीन संज्ञापद हैं इनका पद – परिचय इस प्रकार होगा –
गीता – व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन , कर्ता कारक
राम - व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक
पुस्तकें – जातिवाचक संज्ञा , स्त्रीलिंग , बहुवचन ,कर्मकारक
2. सर्वनाम पदों का पद परिचय – सर्वनाम का पद – परिचय करते समय सर्वनाम का भेद , पुरुष , लिंग , वचन , कारक और अन्य पदों से उसका संबंध बताना पड़ता है |
जैसे – वह अपना काम करती है
इस वाक्य में 'वह' और 'अपना' सर्वनाम हैं ; उनका पद – परिचय इस प्रकार है –
वह – अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक |
अपना – निजवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक आदि |
3. विशेषण का पद-परिचय – विशेषण के पद – परिचय में संज्ञा और सर्वनाम की तरह लिंग ,वचन , कारक , और विशेष्य बताना चाहिए |
जैसे – राम अमूल्य गुणों की खान है |
अमूल्य – गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, संबंधकारक, गुणों इसका विशेष्य है |
4. क्रिया का पद – परिचय – क्रिया के पद – परिचय में क्रिया का प्रकार , वाच्य , पुरुष , लिंग , वचन , काल और वह शब्द जिससे क्रिया का सम्बन्ध है , सबकुछ बताना चाहिए |
जैसे – वह जाता है |
जाता है – अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, सामान्य वर्तमान, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन |
5. क्रियाविशेषण का पद – परिचय – इसके अंतर्गत क्रियाविशेषण का प्रकार और जिस क्रिया की यह विशेषता प्रकट करे उस पद का उल्लेख करना चाहिए |
जैसे – बालक अध्यापिका की बात ध्यानपूर्वक सुनता है |
ध्यानपूर्वक – रीतिवाचक क्रियाविशेषण है एवं ‘सुनता है’ क्रिया की विशेषता बताता है |
1. काला घोड़ा तेज भागता है |
काला – गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘घोड़ा’ विशेष्य है |
घोड़ा – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, ‘भागता है’ क्रिया का कर्ता |
तेज – रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘भागता है’ क्रिया की विशेषता प्रकट कर रहा है |
भागता है – अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, पुल्लिंग, अन्य पुरुष, एकवचन, ‘घोड़ा’ उसका कर्ता है |
2.
भागकर
जाओ और बाजार से कुछ तो लाओ |
भागकर
– पूर्वकालिक क्रिया,
रीतिवाचक
क्रियाविशेषण |
बाजार
– जातिवाचक संज्ञा,
पुल्लिंग,
एकवचन,
अपादान
कारक |
कुछ
– अनिश्चयवाचक सर्वनाम,
पुल्लिंग,
एकवचन,
कर्मकारक
|
3. हम
बाग में गए परन्तु वहाँ कोई
आम न मिला |
हम
– उत्तम
पुरुषवाचक सर्वनाम,
पुल्लिंग,
बहुवचन,
कर्ता
कारक,‘गए’
क्रिया का कर्ता |
बाग
में –
जातिवाचक संज्ञा,
पुल्लिंग,
एकवचन,
अधिकरण
कारक |
गए
– अकर्मक क्रिया,
उत्तम
पुरुष,
पुल्लिंग,
बहुवचन,
भूतकाल
|
परन्तु
– व्याधिकरण समुच्चयबोधक,
दो
वाक्यों को जोड़ता है |
वहाँ
– स्थानवाचक क्रियाविशेषण |
कोई
– संख्यावाचक
विशेषण,
पुल्लिंग,
एकवचन,
‘आम’
विशेष्य का विशेषण |
आम
– जातिवाचक संज्ञा,
पुल्लिंग,
एकवचन,
कर्म
कारक |
मिला
– सकर्मक क्रिया,
मिल
धातु,
अन्य
पुरुष,
पुल्लिंग,
एकवचन,
भूतकाल,
निश्चयार्थ,
कर्तृवाच्य
|
4.
किशन
दसवीं कक्षा में बैठा है |
किशन
– व्यक्तिवाचक संज्ञा,
पुल्लिंग,
एकवचन,
कर्ता
कारक,
‘बैठा
है’ क्रिया का कर्ता |
दसवीं
– विशेषण,
क्रमसूचक,
संख्यावाचक,
स्त्रीलिंग,
एकवचन,
‘कक्षा’
विशेष्य का विशेषण
|
कक्षा
में –
जातिवाचक संज्ञा,
स्त्रीलिंग,
एकवचन,
अधिकरण
कारक |
बैठा
है -
अकर्मक
क्रिया,
‘बैठ’
धातु,
अन्य
पुरुष,
पुल्लिंग,
एकवचन,
निश्चयार्थ,
कर्तृवाच्य
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sahi hai
ReplyDeleteSuperb😊😊😊
ReplyDeleteOsmm
ReplyDeleteGreat explanation.👍👍👍
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