Thursday 21 June 2018

Sant Kavyadhara In Hindi [संतकाव्य – विशेषताएँ प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ]



संतकाव्य – विशेषताएँ प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ


हिंदी में निर्गुण उपासक ज्ञानमार्गी कवियों के द्वारा रचा गया काव्य संतकाव्य कहलाता है | 


भारत में संतमत का प्रारम्भ 1267 ई.में ‘संत नामदेव’ के द्वारा किया हुआ माना जाता है | 

संत काव्यधारा और संत दर्शन का मुख्य आधार है – शंकर का अद्वैत दर्शन

इस दर्शन के प्रमुख सूत्र – 
1. ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या
2. सर्व खल्विदं ब्रह्म
3. अहं ब्रह्मस्मि हैं |

संतसंप्रदाय विश्वसंप्रदाय है और उसका धर्म विश्वधर्म है | इस विश्व धर्म का मूलाधार है – हृदय की पवित्रता | पवित्रता- सम्मत स्वाभाविक और सात्विक आचरण ने ही यहाँ धर्म का बृहत रूप धारण किया |

निर्गुण भक्ति के मूल तत्व

1. निर्गुण – सगुण से परे अनादि , अनंत , अनाम , अज्ञात ब्रह्म का नाम - जप

2. मानसिक भक्ति
3. प्रेम के माध्यम से कर्मकांड की अनपेक्षित दुरूहुताओं को दूर करना
4. मानव को ऐसे विश्वव्यापी धर्म सूत्रों में निबद्ध करना ,जहाँ जाति,वर्ग और वर्ण संबंधी भेद न हो
5. सहज साधना

संतकाव्य की प्रमुख विशेषताएँ -

धार्मिक विशेषताएँ –

1. निर्गुण ब्रह्म की उपासना
2. योग व भक्ति का समन्वय
3. गुरु की महत्ता
4. आडम्बरवाद व संप्रदायवाद का विरोध
5. अनुभूति की प्रामाणिकता व शास्त्रज्ञान की अनावश्यकता

सामाजिक विशेषताएँ –
1. जातिवाद का विरोध
2. समानता के प्रेम पर बल

अन्य विशेषताएँ –
1. मुक्तक काव्य लेखन
2. प्रकट अर्थ से उलटा कथन का प्रयोग
3. प्रतीकों का प्रयोग

प्रमुख संत कवि व उनकी रचनाएँ-

1. कबीरदास
जन्मकाल व जन्मस्थान – 1398 ई. , काशी / बनारस

मृत्युकाल व मृत्युस्थान – 1518 ई. , मगहर
जाति – जुलाहा
गुरु – स्वामी रामानन्द
काव्य – भाषा – सधुक्कड़ी ( राजस्थानी , पंजाबी , खड़ी बोली आदि पचमेल भाषाओँ का प्रयोग )

रचनाएँ – डॉ नगेन्द्र के अनुसार कबीर द्वारा रचित 63 रचनाओं का उल्लेख मिलता है | जिनमें मुख्य ये हैं –

1. अगाध मंगल
2. अनुरागसागर
3. अमरमूल
4. अक्षरखंड की रमैनी
5. अक्षरभेद की रमैनी
6. उग्रगीता
7. कबीर की बानी
8. कबीर की साखी
9. कबीर गोरख की गोष्ठी
10. बीजक
11. ब्रह्म निरूपण
12. मुहम्मदबोध
13. रेखता
14. विचारमाला
15. विवेकसागर
16. शब्दावली
17. हंस मुक्तावली
18. ज्ञानसागर

कबीर को अक्षरज्ञान नहीं होने पर भी ये ग्रन्थ कहाँ से साकार हो उठे यह कहना कठिन है |

कबीर के काव्य की विशेषताएँ -
1.  कण – कण में ईश्वर की व्याप्ति
2. मूर्तिपूजा का विरोध
3. धार्मिक आडम्बरों का विरोध
4. गुरु की महत्ता
5. नारी की निंदा
6. पुस्तकीय ज्ञान का विरोध
7. सदाचार की शिक्षा
8. आत्मा - परमात्मा का एकत्व

कबीर साहित्य के तीन पक्ष
1. खंडन की प्रवृत्ति
2. धर्म व समाज सुधार की भावना
3. आत्मानुभूति

2. संत रैदास

वास्तविक नाम – रविदास

जाति – चमार ( निम्न वर्ग )
जन्मकाल व जन्मस्थान – 15वीं शताब्दी का उत्तरार्ध एवं 16वीं शताब्दी का पूर्वार्ध , काशी
गुरु – स्वामी रामानंद
रचना – कोई स्वतंत्र रचना प्राप्त नहीं | इनके द्वारा रचित फुटकल पदों का संग्रह ‘रविदास की बानी’ के नाम से ‘संतबानी सीरिज’ में संगृहित किया गया है |
इनके द्वारा रचित चालीस पद ‘आदि गुरु ग्रन्थ साहब’ में शामिल किए गए हैं |
काव्यभाषा – ब्रजभाषा ( अवधी , राजस्थानी , खड़ीबोली उर्दू – फारसी के शब्दों का मिश्रण )

रैदास के काव्य की विशेषताएँ -

1. ईश्वर के समस्त रूपों का ऐक्य
2. मूर्तिपूजा व तीर्थयात्रा का विरोध
3. आभ्यंतरिक साधना पर बल
मीरा बाई के गुरु माने जाते हैं |

3. गुरु नानक

जन्मकाल व जन्मस्थान – 1469 ई. , तलवंडी नामक ग्राम में
मृत्युकाल – 1538 ई.

प्रमुख रचनाएँ –
1. जपुजी
2. असा दी वार
3. रहिदास
4. सोहिला
5. नसीहतनामा
( ‘जपुजी’ नानक – दर्शन का सार तत्व माना जाता है )

काव्यभाषा – हिंदी , पंजाबी , फारसी बहुल पंजाबी
रस – शांत रस का प्रयोग

4. संत दादूदयाल

जन्मकाल व जन्मस्थान - 1544 ई. , अहमदाबाद (गुजरात )
मृत्युकाल – 1603 ई.
गुरु – वृद्ध भगवान

प्रमुख रचनाएँ
1. हरडेवाणी ( संकलन संतदास व जगन्नाथदास द्वारा मिलकर किया गया )

2. अंगवधू ( संकलन प्रमुख शिष्य रज्जब द्वारा )
3. दादूदयाल ( संकलन परशुराम चतुर्वेदी द्वारा )
काव्यभाषा – ब्रज है ( राजस्थानी व खड़ी बोली के शब्दों का मिश्रण है )

दादूपंथ’ के प्रवर्तक व सत्संग स्थल ‘अलख दरीबा’ नाम से प्रसिद्ध |
इन्हें राजस्थान का कबीर भी कहा जाता है |

5. संत सुन्दरदास

जन्मकाल व जन्मस्थान – 1596 ई. , जयपुर के निकट धौंसा नामक ग्राम

मृत्युकाल – 1689 ई.
गुरु – दादूदयाल
जाति – खंडेलवाल बनिया

प्रमुख रचनाएँ – कुल रचित ग्रन्थ 42 हैं जिनमें से मुख्य ये हैं –
1. ज्ञान समुद्र
2. सुंदर विलास
काव्य भाषा – ब्रज
संत कवियों में सर्वाधिक शिक्षित थे | श्रृंगार रस के घोर विरोधी थे |


6. संत मलूकदास

जन्मकाल व जन्मस्थान – 1574 ई. , कड़ा गाँव इलाहबाद में
मृत्युकाल – 1682 ई.
गुरु – पुरुषोत्तम

प्रमुख रचनाएँ - 
1 ज्ञानबोध
2 रतनखान
3 भक्तवच्छावली
4 भक्तिविवेक
5 ज्ञानपरोछि
6 बारहखड़ी
7 ध्रुवचरित
8 ब्रजलीला
9 विभवविभूति
10 सुखसागर
11 स्फुटपद
12 रामअवतारलीला
काव्य भाषा – अवधी , ब्रज ( संस्कृत , फारसी व अन्य बोलियों के शब्द )

7. जाम्भोजी

जन्मकाल व जन्मस्थान - 1451 ई. , पीपासर (नागौर )
मृत्युकाल – 1523 ई.
रचना – कोई रचना उपलब्ध नहीं है |
ये ‘विश्नोई’ सम्प्रदाय के प्रवर्तक माने जाते हैं |

अन्य प्रसिद्ध संत कवि
1. संत लालदास ( 1540 – 1648 ई.)

ये लाल पंथ (लालदासी सम्प्रदाय ) के प्रवर्तक माने जाते हैं |
2. संत रज्जब
3. संत धर्मदास

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1 comment:

  1. जी बहुत ही अच्छी पाठ्यसामग्री

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