Friday 21 September 2018

Pragativadi Kavi [ प्रगतिवादी काव्य धारा के प्रमुख कवि ]

Pragativadi Kavi
[ प्रगतिवादी काव्य धारा के प्रमुख कवि ]


प्रगतिवाद – 

राजनीति के क्षेत्र में जो विचारधारा ‘साम्यवाद’ या ‘मार्क्सवाद’ के नाम से जानी जाती है , साहित्य के क्षेत्र में वही विचारधारा ‘प्रगतिवाद’ के नाम से जानी जाती है |अर्थात् साम्यवादी विचारधारा के अनुरूप लिखा गया काव्य ही ‘प्रगतिवादी काव्य’ कहलाता है |

‘कार्ल मार्क्स’ को ही ‘प्रगतिवाद’ का भी आदि प्रवर्तक माना जाता है |

डॉ. नगेन्द्र के अनुसार – “ प्रगतिवादी काव्य की संज्ञा उस काव्य को दी गई जो छायावाद के समाप्तिकाल में 1936 ई. के आसपास से सामाजिक चेतना को लेकर निर्मित होना आरंभ हुआ |”

प्रगतिवाद ‘सामाजिक यथार्थवाद’ के नाम से भी पुकारते हैं |


प्रगतिवादी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ -
1 मार्क्सवाद व साम्यवाद का समर्थन

2 शोषण का विरोध एवं शोषितों के प्रति सहानुभूति की भावना

3 धर्म और ईश्वर का विरोध

4 नारी के सम्मान की प्रतिष्ठा
5 सामाजिक अन्धविश्वासो व रुढियों का खंडन
6 सामजिक भावना का चित्रण
7 ठोस यथार्थ का चित्रण
8 विश्व बंधुत्व की भावना
9 कला के प्रति नवीन दृष्टिकोण
10 युगानुकूल परिवर्तन एवं नव निर्माण की उत्कट लालसा

प्रगतिवाद के प्रमुख कवि

1 नागार्जुन

जन्मकाल – 1911 ई. ( 30 जून , 1911 ई. )
मृत्युकाल – 1998 ई. ( 5 नवम्बर, 1998 ई. )
जन्मस्थान – सतलखा , जिला – दरभंगा
मूल नाम – वैद्यनाथ मिश्र

प्रमुख रचनाएँ -
1 युगधारा – 1953 ई.
2 सतरंगे पंखों वाली – 1959 ई.
3 प्यासी पथराई आँखें – 1962 ई.
4 तुमने कहा था – 1980 ई.
5 खिचड़ी विप्लव देखा हमने – 1980 ई.
6 हजार – हजार बाहों वाली – 1981 ई.
7 पुरानी जूतियों का कोरस – 1983 ई.
8 रवीन्द्र के प्रति
9 प्रेत का बयान
10 आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने

उपन्यास
1 रतिनाथ की चाची
2 वरुण के बेटे
3 दुःखमोचन
4 कुंभीपाक

विशेष तथ्य -
1 नागार्जुन मैथिली में ये यात्री के नाम से लिखते रहे तथा हिंदी में इन्हें बाबा नागार्जुन के नाम से जाना जाता है |

2 ये दीपक पत्रिका के सम्पादक रहे |

3 अन्याय , शोषण एवं अत्याचार के विरोधी , मजदूरों के हिमायती

4 व्यंग्यपरक रचनाओं के कुशल शिल्पी |

2. केदारनाथ अग्रवाल

जन्मकाल – 1911 ई.
मृत्युकाल – 2000 ई.
जन्मस्थान – ग्राम – कमासिन , जिला – बांदा ( उ. प्र.)

प्रमुख रचनाएँ -
1 नींद के बादल – 1947 ई.
2 युग की गंगा – 1947 ई.
3 लोक और अलोक – 1957 ई.
4 फूल नहीं रंग बोलते हैं – 1965 ई.
5 आग का आईना – 1970 ई.
6 पंख और पतवार -1979 ई.
7 हे मेरी तुम – 1981 ई.
8 कहे केदार खरी – खरी 1983 ई.
9 बंबई का रक्तस्नान -1983 ई.
10 जमुन जल तुम – 1984
11 बोले – बोले अबोल – 1985
12 जो शिलाएं तोड़ते हैं – 1985
13 आत्मगंध

विशेष तथ्य -
1 ये पेशे से वकील थे |

2 साम्यवाद के प्रति दृढ़ आस्था |

3 सच्चे जनवादी कवि

4 इन्हें ‘सोवियत भूमि पुरस्कार’ एवं ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था |

3. डॉ रामविलास शर्मा

जन्मकाल – 1912 ई.
मृत्युकाल – 2000 ई.
जन्मस्थान – ग्राम – ऊँच , जिला – उन्नाव (उ. प्र.)

प्रमुख रचनाएँ -
1 रूप तरंग – 1956 ई.
2 सदियों के सोये जाग उठे – 1988 ई.
3 इस अकाल वेला में – 1988
4 बुद्ध वैराग्य तथा प्रारम्भिक कविताएँ – 1997
5 ऋतु संहार

विशेष तथ्य -
1 ये कवि के बजाय एक श्रेष्ठ गद्यकार के रूप में प्रसिद्ध हुए हैं |

2 ‘निराला की साहित्य साधना’ ( जीवनी ) के लिए इनको 1970 ई. में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला |

4. शिवमंगलसिंह सुमन

जन्मकाल – 1915 ई.
मृत्युकाल – 2002 ई.

प्रमुख रचनाएँ -
1 हिल्लोल
2 जीवन के गान
3 प्रलय सृजन
4 पर आँखें नहीं भरी
5 विन्ध्य हिमाचल
6 एशिया जाग उठा
7 वाणी की व्यथा
8 मिट्टी की बारात

विशेष तथ्य -
1 गाँधी की अपेक्षा मार्क्सवाद के समर्थक हैं |

2 शोषण व अन्याय का विरोध उनकी रचनाओं में है |

3 ‘मिट्टी की बारात’ रचना के लिए 1974 ई. में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था |

5. रांगेय राघव

जन्मकाल – 1923 ई.
मृत्युकाल – 1962 ई.

प्रमुख रचनाएँ -
1 अजेय खंडहर – 1944 ई.
2 पिघलते पत्थर – 1946 ई.
3 राह के दीपक – 1947 ई.
4 मेधावी – 1947 ई.
5 पांचाली – 1955 ई.

विशेष तथ्य -
1 इनका मूल नाम ‘त्र्यंबक वीर राघवाचार्य’ था |
2 ‘पिघलते पत्थर’ इनकी मुक्तक काव्य रचना है |
3 ‘मेधावी’ और ‘पांचाली’ आख्यानक रचनाएँ हैं |

6. त्रिलोचन शास्त्री

जन्मकाल – 1915 ई.
मृत्युकाल – 2002 ई.

प्रमुख रचनाएँ -
1 धरती – 1945 ई.
2 दिगंत – 1957 ई.
3 काव्य और अर्थबोध
4 गुलाब और बुलबुल
5 मैं उस जनपद का कवि हूँ
6 ताप के तापे हुए दिन
7 शब्द

विशेष तथ्य -
1 ये जीवन में निहित मंद लय के कवि हैं |

2 ‘ताप के तापे हुए दिन’ रचना के लिए 1981 ई. में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था |

3 इन्होंने हिंदी के अनेक शब्द कोशों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है |

प्रगतिवादी काव्यधारा के अन्य कवि -

1 डॉ पद्मसिंह शर्मा ‘कमलेश’

रचनाएँ – 
1 तू युवक है – 1949 ई.
2 दूब के आँसू – 1952 ई.
3 धरती पर उतरो -1952 ई.

2. शंकर शैलेन्द्र

रचनाएँ – 
1 न्यौता और चुनौती

3. चन्द्र देव शर्मा

रचनाएँ – 
1 पंडितजी गजब हो रहा है

4. गणपति चन्द्र भंडारी

रचनाएँ – 
1 रक्तदीप

5. विजय चन्द्र

रचनाएँ – 
1 चेहरे
2 जंग लगे सपने
3 वेश्या

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1 comment:

  1. जी बहुत ही अच्छी पाठ्यसामग्री

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