Friday 21 September 2018

Prayogvad Ki Visheshta [प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रमुख कवि]

Prayogvad Ki Visheshta
[प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रमुख कवि] 

प्रयोगवाद की परिभाषा

डॉ नगेन्द्र के अनुसार – हिंदी साहित्य में ‘प्रयोगवाद’ नाम उन कविताओं के लिए रूढ़ हो गया है , जो कुछ नये भावबोधों , संवेदनाओं तथा उन्हें प्रेषित करने वाले शिल्पगत चमत्कारों को लेकर शुरू – शुरू में तार – सप्तक के माध्यम से सन 1943 ई. में प्रकाशन जगत में आई और जो प्रगतिशील कविताओं के साथ विकसित होती गयी तथा जिनका समापन नई कविता में हो गया |

प्रयोगवाद के संदर्भ में विशेष तथ्य


1 इस काव्यधारा की कविताओं को ‘प्रयोगवाद’ नाम सर्वप्रथम आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी ने अपने एक निबंध ‘प्रयोगवादी रचनाएँ’ में प्रदान किया था |
2 आगे चलकर प्रयोगवाद का ही विकास नयी कविता के नाम से हुआ था |
3 ‘लोक कल्याण की उपेक्षा’ प्रयोगवाद का सबसे बड़ा दोष माना जाता है |
4 प्रयोगवादी कवि यथार्थवादी हैं | वे भावुकता के स्थान पर ठोस बौद्धिकता को स्वीकार करते हैं |

प्रयोगवादी काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ

1 अतियथार्थवादिता
2 बौद्धिकता की अतिशयता
3 घोर वैयक्तिकता
4 वाद व विचारधारा का विरोध
5 नवीन उपमानों का प्रयोग
6 निराशावाद
7 साहस और जोखिम
8 व्यापक अनास्था की भावना
9 क्षणवाद
10 सामजिक यथार्थवाद की भावना

प्रगतिवाद व प्रयोगवाद में मुख्य अंतर
1 ‘प्रगतिवादी कविता’ में शोषित वर्ग / निम्न वर्ग को केंद्र में रखा गया है , जबकि ‘प्रयोगवादी कविता’ में स्वयं के जीये हुए यथार्थ जीवन का चित्रण होता है |
2 प्रगतिवादी कविता ‘विचारधारा को महत्त्व’ देती है , जबकि प्रयोगवादी कविता ‘अनुभव को महत्त्व’ देती है |
3 प्रगतिवादी कविता में सामाजिक भावना की प्रधानता दिखाई देती है , जबकि प्रयोगवादी कविता में व्यक्तिगत भावना की प्रधानता दिखाई देती है |
4 प्रगतिवादी कविता में ‘विषयवस्तु को अधिक महत्त्व’ दिया गया है , जबकि प्रयोगवादी कविता में ‘कलात्मकता को अधिक महत्त्व’ दिया गया है |

प्रयोगवादी काव्यधारा के प्रमुख कवि


1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

जन्मकाल – 1911 ई. ( 7 मार्च, 1911 )
मृत्युकाल – 1987 ई. ( 4 अप्रेल, 1987 )
जन्मस्थान – ग्राम – कसिया , जिला – देवरिया

प्रमुख रचनाएँ -
(क) काव्यात्मक रचनाएँ –
1 भग्नदूत -1933 ई.
2 चिंता – 1942 ई.
3 इत्यलम – 1946 ई.
4 हरी घास पर क्षण भर – 1949 ई.
5 बावरा अहेरी – 1954 ई.
6 इंद्रधनु रौंदे हुए – 1957 ई.
7 अरी ओ करुणा प्रभामय – 1959 ई.
8 आँगन के पार द्वार – 1961 ई.
9 कितनी नावों में कितनी बार

(ख) कहानी संग्रह –
1 परम्परा
2 त्रिपथगा
3 जयदोल
4 कोठरी की बात
5 शरणार्थी
6 मेरी प्रिय कहानियाँ

(ग) उपन्यास –
1 शेखर एक जीवनी
2 नदी के द्वीप
3 अपने – अपने अजनबी

विशेष तथ्य -
1 ‘आँगन के पार द्वार’ रचना के लिए इनको 1964 ई. में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था |
2 ‘कितनी नावों में कितनी बार’ रचना के लिए इनको 1978 ई. में ‘भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था |
3 बावरा – अहेरी इनके जीवन दर्शन को प्रतिबिंबित करने वाली रचना है |
4 हिंदी साहित्य में इनको ‘कठिन गद्य का प्रेत’ भी कहा जाता है |
5 इनको व्यष्टि चेतना का कवि भी कहा जाता है |

2. भवानी प्रसाद मिश्र

जन्मकाल – 1914 ई.
मृत्युकाल – 1985 ई.
जन्मस्थान – ग्राम – टिमरणी , जिला – होशंगाबाद

प्रमुख रचनाएँ -
1 गीत फरोश
2 सतपुड़ा के जंगल
3 चकित है दुःख
4 टूटने का सुख
5 त्रिकाल संध्या
6 अनाम तुम आते हो
7 कालजयी
8 फसलें और फूल
9 बुनी हुई रस्सी
10 सन्नाटा
11 वाणी की दीनता

विशेष तथ्य
1. इनकी सहज भाषा को देखकर गाँधी जी के चरखे की सहजता का आभास होता है , जिसके कारण इनको ‘कविता का गाँधी’ भी कहा जाता है |
2. मध्य प्रदेश सरकार ने इनको ‘शिखर सम्मान’ प्रदान किया गया था |
3. ‘बुनी हुई रस्सी’ रचना के लिए इनको 1972 ई. में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था |

3. गजानन माधव ‘मुक्तिबोध


जन्मकाल – 1917 ई.
मृत्युकाल – 1964 ई.
जन्मस्थान – श्योपुर (ग्वालियर )

प्रमुख रचनाएँ -
(क) काव्य संग्रह
1 चाँद का मुँह टेढ़ा है – 1964 ई.
2 भूरी – भूरी खाक धूल – 1980 ई.

(ख) प्रसिद्ध कविताएँ
1 अंधेरे में
2 ब्रह्मराक्षस
3 पूँजीवाद समाज के प्रति
4 दिमागी गुहांधकार

(ग) गद्य रचना
1 भारत : इतिहास और संस्कृति ( मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 19 सितम्बर, 1962 ई. को इस पुस्तक पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था | )

विशेष तथ्य –
1 इनकी कविताओं को ‘स्वाधीन भारत का इस्पाती ढाँचा’ कहा जाता है |
2 इनको ‘तीव्र इन्द्रिय बोध का कवि’ , ‘भयानक ख़बरों का कवि’ एवं ‘फैंटेसी का कवि’ भी कहा जाता है |

4 गिरिजा कुमार माथुर

जन्मकाल – 1918 ई.
मृत्युकाल – 1994 ई.
जन्मस्थान – अशोकनगर (मध्य प्रदेश)

प्रमुख रचनाएँ -

1 मंजीर
2 नाश और निर्माण
3 धूप के धान
4 शिलापंख चमकीले
5 छाया मत छूना मन
6 भीतरी नदी की यात्रा
7 साक्षी रहे वर्तमान
8 मैं वक्त के हूँ सामने
9 मुझे और अभी कहना है

विशेष तथ्य -
1 ये रोमानी मिज़ाज के कवि माने जाते हैं |
2 ये ‘हम होंगे कामयाब , हम होंगे कामयाब’ गीत के रचनाकार हैं |
3 ‘मैं वक्त के हूँ सामने’ रचना के लिए इनको1991 ई. में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला |

5. धर्मवीर भारती

जन्मकाल – 1926 ई.
मृत्युकाल – 1997 ई.
जन्मस्थान – इलाहाबाद

प्रमुख रचनाएँ -
1 ठंडा लोहा – 1952 ई.
2 सात गीत वर्ष – 1959 ई.
3 अंधा युग (गीतिनाट्य)
4 कनुप्रिया
5 सपना अभी भी – 1993

प्रसिद्ध कविताएँ -
1 प्रमथ्यु गाथा
2 सृष्टि का आखिरी आदमी
3 देशांतर
4 टूटा पहिया

विशेष तथ्य -
1 ये 1987 ई. तक ‘धर्मयुग’ पत्रिका के सम्पादक रहे |
2 आपके द्वारा रचित ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ रचना पर एक टी वी धारावाहिक भी प्रसारित हुआ था |

6 नरेश मेहता

जन्मकाल – 1922 ई.

प्रमुख रचनाएँ -

1 वनपांखी सुनो
2 बोलने दो चीड़ को
3 मेरा समर्पित एकांत उत्सव
4 शबरी
5 महा प्रस्थान

7 शमशेर बहादुर सिंह

जन्मकाल – 1911 ई.
मृत्युकाल – 1993 ई.
जन्मस्थान – देहरादून

प्रमुख रचनाएँ -
1 अमन का राग
2 चुका भी नहीं हूँ मैं
3 इतने पास अपने
4 काल तुझसे होड़ मेरी
5 उदिता
6 बात बोलेगी हम नहीं

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5 comments:

  1. प्रगतिवाद व प्रयोगवाद की समय सीमा क्या है? कृपया बताइए|

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    1. Pragatiwad ki 1936-1943
      Prayogvad ki 1943-1953

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  2. आपने अच्छी तरीके से समझाया धन्यवाद
    heart touching lines

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  3. Very nice thanks for sharing this

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