यूनानी दार्शनिकों की परम्परा में सुकरात के शिष्य प्लेटो का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है | प्लेटो की रचनाओं में ‘द रिपब्लिक’ , ‘दि स्टेट्स मैन’ एवं ‘दि प्रसिद्ध लॉज’ प्रमुख हैं |
प्लेटो और अनुकरण का अर्थ –
होमर ने ‘अनुकरण’ शब्द के लिए ‘मीमेसिस’ शब्द का प्रयोग किया था | प्लेटो ने अनुकरण को सभी कलाओं की मौलिक विशेषता बताया है तो कहीं कल्पना तथा रचनात्मक शक्ति के अर्थ में प्रयुक्त किया है | उन्होंने इस संसार का मूल सत्य ईश्वर को स्वीकार करते हुए कहा है कि – ईश्वर के सत्य की अनुकृति यह संसार है और इस संसार का अनुकरण ही काव्य है |
प्लेटो के अनुकरण – सिद्धांत की मूल मान्यताएँ –
1 ईश्वर द्वारा रचित प्रत्यय – जगत ही सत्य है, ईश्वर स्रष्टा है | 2 वस्तु – जगत,प्रत्यय – जगत की अनुकृति या छाया होने के कारण मिथ्या या असत्य है |
3 कला - जगत वस्तु – जगत का अर्थात् अनुकरण का अनुकरण होने के कारण और भी मिथ्या है क्योंकि वह अनुकृति की अनुकृति करता है | कलाकार अनुकर्ता है |
प्लेटो और अरस्तू के अनुकरण – सिद्धांत में अंतर -
प्लेटो
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अरस्तू
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1 प्लेटो ने ‘अनुकरण’ शब्द का अर्थ हू -ब -हू नकल बताया था |
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अरस्तू के अनुसार यह पुन: सृजन का पर्याय है |
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2 कवि अनुकृति की अनुकृति करता है |
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कला प्रकृति और जीवन का पुन: प्रस्तुतिकरण है |
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3 कवि को ‘अनुकर्ता’ बताया है |
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कवि को कर्ता सिद्ध किया है |
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4 काव्यकला को नैतिक और आदर्शवादी दृष्टिकोण से देखा |
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सौंदर्यवादी दृष्टि से देखते हुए यह प्रतिपादित किया कि कला प्रकृति की अनुकृति है |
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प्लेटो का काव्य पर आक्षेप –
प्लेटो द्वारा काव्य एवं कवि पर गंभीर आरोप लगाए गए | जैसे –
1 काव्य अनुकृति की अनुकृति है |
2 कवि ना केवल स्वयं अज्ञानी है बल्कि वह अज्ञान का प्रसारक भी है |
3 काव्य क्षुद्र मानवीय भावों पर आधारित होता है | कलात्मक रचनाएँ समाज के लिए अनुपयोगी हैं |
4 काव्य लोगों में वासनाजन्य क्षुद्र भावों को जगाता है | कवि समाज में अनाचार एवं दुर्बलता का पोषण करने का अपराधी है |
प्लेटो के अनुकृति – सिद्धांत का मूल्यांकन
1. प्लेटो ने अपने युग के काव्य की दूषित प्रवृत्तियों के प्रभाव के कारण कविता पर गंभीर आरोप जड़े पर इसका अभिप्राय यह नहीं कि प्लेटो पूरी तरह से काव्य के विरोधी थे | उन्होंने ऐसी कविताओं को महत्त्वपूर्ण , उचित व प्रभावोत्पादक माना है , जिनमें वीर पुरुषों की गाथा हो या देवताओं के स्त्रोत हो |
2 डॉ. देवेन्द्रनाथ शर्मा के अनुसार कला की अनुकरणमूलकता की उद्भावना का श्रेय प्लेटो को ही है |
3 डॉ. गणपतिचंद्र गुप्त के अनुसार प्लेटो ने कविता को अनुकृति बताकर काव्य – मीमांसा के क्षेत्र में एक ऐसे सिद्धांत की प्रतिष्ठा की, जो परवर्ती युग में विकसित होकर काव्य – समीक्षा का आधार बना |
नि:संदेह, प्लेटो का अनुकृति - सिद्धांत पाश्चात्य काव्यशास्त्र का एक महत्त्वपूर्ण सिद्धांत है |
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Very nice
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